पिछले दिनों संसद में भी इस बयान को लेकर खूब हंगामा हुआ था। अब बीएसपी ने इसे सड़कों पर ले जाकर विरोध तेज कर दिया है। पार्टी का कहना है कि गृह मंत्री के बयान ने दलित समाज और बाबा साहब अंबेडकर के अनुयायियों की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई है।
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मायावती का कड़ा बयानपार्टी प्रमुख मायावती ने कहा कि “बाबा साहब अंबेडकर देश के संविधान निर्माता और दलितों के अधिकारों के संरक्षक हैं। उनके खिलाफ किसी भी प्रकार का अपमानजनक बयान अस्वीकार्य है। बीएसपी संविधान और अंबेडकर के सम्मान की रक्षा के लिए हर कदम उठाने को तैयार है।”
बीएसपी द्वारा राष्ट्रपति को सौंपे गए ज्ञापन में कुछ प्रमुख मांगें शामिल थीं: 1.गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर स्पष्टीकरण। 2,अंबेडकर और संविधान के प्रति असम्मान करने वालों पर सख्त कार्रवाई।
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शांतिपूर्ण प्रदर्शन, लेकिन चेतावनीलखनऊ के जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर हजारों बीएसपी कार्यकर्ता इकट्ठा हुए। प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो यह आंदोलन और तेज होगा।
गृह मंत्री ने संसद में बाबा साहब अंबेडकर के संदर्भ में एक बयान दिया था, जिसे विपक्षी दलों ने विवादित करार दिया। बीएसपी ने इसे तुरंत मुद्दा बनाते हुए इसे दलित समाज के लिए अपमानजनक बताया। संसद में विपक्षी दलों के विरोध के बाद, अब बीएसपी इस मामले को देशभर में उठाने की योजना बना रही है।
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आंदोलन की अगली योजनाबीएसपी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन के दौरान साफ कहा कि पार्टी बाबा साहब अंबेडकर और संविधान के सम्मान को लेकर कोई समझौता नहीं करेगी। अगर सरकार ने उनकी मांगों को नजरअंदाज किया, तो यह आंदोलन राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर और तेज हो जाएगा।