यूपी पंचायत चुनाव की मतगणना दो मई को, लेकिन नहीं निकलेगा विजय जुलूस, जानिए क्या कहा सुप्रीट कोर्ट ने
सुप्रीम कोर्ट से सशर्त अनुमति, नहीं निकाल सकते विजय जुलूस
शनिवार को यूपी पंचायत चुनाव की मतगणना रोके जाने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए Supreme Court ने मतगणना कराने की अनुमति दे दी, लेकिन जीत के जश्न पर रोक लगा दी है। कहा कि राज्य सरकार और चुनाव आयोग की ओर से जो प्रोटोकॉल हमारे सामने रखा गया है, उसका पूरी तरह पालन हो। मतगणना केंद्रों के बाहर सख्त कर्फ्यू हो। किसी को भी विजय रैली निकालने की अनुमति नहीं दी जाये। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से पूछा कि क्या मतगणना कराना जरूरी है। क्या उसको स्थगित नहीं किया जा सकताय़ मतगणना अगर तीन हफ्ते टाल दी जाये तो आसमान नहीं टूट पड़ेगा। इस पर चुनाव आयोग की ओर बताया गया कि मेडिकल एक्सपर्ट से बात करने के बाद काउंटिंग को कराने का फैसला लिया गया है। अगर मतगणना टली तो कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश पांच लाख से ज्यादा निर्वाचित प्रतिनिधियों से प्रदेश वंचित हो जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- क्यों न टाल दी जाए यूपी पंचायत चुनाव की मतगणना?
मतगणना केंद्रों पर एंटीजन टेस्ट, हर शिफ्ट के बाद सैनेटाइजेशन
Election Commission ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सिर्फ तापमान की जांच ही नहीं, बल्कि ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन लेवल चेक करने की भी व्यवस्था की गई है। मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन किया जाएगा। हर मतगणना केंद्र पर एंटीजन टेस्ट का इंतजाम रहेगा। साथ ही यहां सैनिटाइजेशन का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसके अलावा जिसमें भी कोरोना के लक्षण दिखेंगे, उसे एंट्री नहीं दी जाएगी। सुनवाई के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया कि मतगणना केंद्रों पर कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाएगा। कहा कि काउंटिंग के दौरान 8 घंटे की शिफ्ट होगी और हर शिफ्ट में अधिकारी बदले जाएंगे। इतना ही नहीं, हर शिफ्ट के बाद काउंटिंग सेंटर को सैनेटाइज किया जाएगा।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शिक्षक संगठन की तरफ से जानकारी दी गई है कि UP Panchayat Chunav के दौरान 700 से ज्यादा शिक्षकों की मौत हुई है। इस पर प्रदेश सरकार ने कहा कि जिन राज्यों में चुनाव नहीं हो रहे हैं, वहां भी कोरोना के मामले और मौतें बढ़ी हैं। कहा कि उत्तर प्रदेश जब पंचायत चुनाव शुरू हुए थे उस दौरान कोरोना कि दूसरी लहर नहीं आई थी। इस भयंकर आपदा हम सब सामना कर रहे हैं।