कोविड से मौत पर मुआवजे को लेकर सभी सरकारी विभागों को अभी नए शासनादेश का इंतजार है। पुराने शासनादेश के आधार पर सहायता प्रस्ताव की मंजूरी में दिक्कतें आ रही हैं। नए आदेश में कोविड से जुड़े कामों में लगे कार्मिकों की मौत पर आश्रितों को 50 लाख रुपए दिए जाने का प्रावधान है। शिक्षक संघ का कहना है कि फिर चुनाव में मरने वालों के परिजनों को सिर्फ 30 लाख ही क्यों।
उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ ने राज्य निर्वाचन आयोग को 706 मृत शिक्षकों की जिलावार सूची सौंपी है। हालांकि, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव में 135 शिक्षकों की मृत्यु पर राज्य चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया था। इस पर आपत्ति दर्ज करते हुए उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ के के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा का कहना है कि 706 शिक्षकों की अब तक मृत्यु हो चुकी है। इसी तरह उप्र विशिष्ट बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी का दावा है कि आजमगढ़, रायबरेली, खीरी, लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज आदि जिलों में दो-दो दर्जन शिक्षकों की मौत हुई है। उनका कहना है कि प्रदेश में 10 हजार से ज्यादा शिक्षक कोरोना संक्रमण से ग्रसित हैं। शिक्षक महासंघ के संयोजक व पूर्व एमएलसी हेम सिंह पुंडीर, नेता शिक्षक दल सुरेश त्रिपाठी, शिक्षक एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी का भी कहना है मौतों की संख्या राज्य सरकार छिपा रही है।