सुनील बंसल ने निर्देश देता हुए कहा है पार्टी नेता व पदाधिकारी महिलाओं की ऐसी टीम तैयार करें, तो न सिर्फ गांव स्तर पर नेत्रत्व करें बल्कि चुुनाव में जीत का परचम भी लहराए। भाजपा महिला संगठन को गांव-गांव तक खड़ा करना चाहती है। ग्राम प्रधान के चुनाव तक में महिला उम्मीदवारों को उतारने की तैयारी है। फिलहाल जो महिलाएं भाजपा संगठन से जुड़ी हुई है, वह शहरी इलाके से हैं, लेकिन अब पार्टी का जिस तरह ग्रामीण इलाकों में राजनीतिकरण बढ़ रहा है, उसे देखते हुए भाजपा ने गांव स्तर पर महिलाओं की भूमिका को मजबूत करने का मन बना लिया है।
पंचायत चुनाव के जरिए बीजेपी अपने महिला संगठन को गांव-गांव तक खड़ा करना चाहती है। फिलहाल बीजेपी के संगठन के साथ जो महिलाएं जुड़ी हुई हैं, उनमें ज्यादातर शहरी इलाके से हैं। हालांकि, बीजेपी एक समय शहरी पार्टी मानी जाती थी, लेकिन पार्टी का राजनीतिक आधार जिस तरह से ग्रामीण स्तर पर बढ़ा है।बिहार चुनाव में साइलेंट वोटर की भूमिका को देखते हुए बीजेपी ने यूपी में भी गांव स्तर पर महिलाओं को पार्टी से जोड़ने की कवायद शुरू की है।
यूपी में पंचायत चुनाव में 33 फीसदी महिला आरक्षण है। यूपी में कुल 59,163 प्रधान चुने जाते हैं। इसके अलावा ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य की 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं, जहां बीजेपी ने अपने महिला कार्यकर्ता को चुनावी मैदान में उतारने का फैसला किया है। इस फॉर्मूले के जरिए बीजेपी का यूपी के हर एक गांव में महिला नेतृत्व खड़ा हो जाएगा, जो 2022 के विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ के लिए सियासी तौर पर बड़ा फायदा दिला सकता है।
– कुल 14.40 करोड़ मतदाता
– 7.79 करोड़ पुरुष
– 6.61 करोड़ महिला वोटर