साल 2019 के चुनाव को चरणवार देखें तो पहले चरण की आठ सीटों में से पांच सपा-बसपा गठबंधन के खाते में गई। भाजपा को तीन सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था। यानी, पश्चिमी क्षेत्र की इन सीटों पर सपा-बसपा गठबंधन भाजपा पर भारी पड़ा था। लेकिन, दूसरे चरण में यह प्रदर्शन नहीं दोहराया जा सका। सिर्फ अमरोहा सीट ही बसपा के हाथ आई शेष सात सीटें भाजपा ने जीतीं। तीसरे चरण की 10 सीटों में दो सपा को मिलीं। अन्य आठ सीटें भाजपा ने झटक लीं। चौथे चरण की सभी 13 सीटों में भाजपा ने जीत दर्ज की। पांचवें चरण में भी कमोवेश यही हाल रहा। हालांकि गठबंधन वाली रायबरेली सीट जरूर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के खाते में गई।
चुनावी अटकलों के बीच इस हॉट सीट से चुनाव लड़ सकते हैं स्वामी प्रसाद मौर्य, इंडिया गठबंधन से बातचीत जारी
इस तरह से देखें 2024 के चुनाव में इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) को दूसरे, तीसरे, चौथे और सातवें चरण में भाजपा के सामने अपने प्रदर्शन को बेहतर करने की चुनौती होगी। इसके लिए कारगर रणनीति बनानी होगी। वहीं, बसपा के सामने भी इस चुनाव में अपना वोट बैंक साधे रखने की चुनौती रहेगी। इस चुनाव में जहां भाजपा अपने परंपरागत वोट बैंक के साथ ही पसमांदा मुस्लिमों के वोटों को भी हासिल करने की रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है, वहीं सपा पीडीए के समीकरणों के साथ मैदान में उतर रही है। अब कौन कितना सफल होता है, यह तो चार जून को परिणाम आने के बाद ही पता चल पाएगा।