एक अप्रैल 2017 से अब तक तकरीबन 94 पीसीएस अधिकारियों पर दंडात्मक कार्रवाई की गई है। वहीं, पुलिस विभाग ने भी भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में कार्रवाई की है। पिछले दो सालों में 480 दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ एक्शन लिया गया। जीरो टॉलरेंस नीति के चलते अब तक 2100 से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इनमें कई दोषियों को जेल भी भेजा जा चुका है।
प्रदेश में 2017 से 2019 तक अभियोजन विभाग ने 1648 भ्रष्टाचार के मामलों में अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ अदालतों में पैरवी की। कुल 42.85 फीसदी मामलों में सजा दिलाई गई। जानकारी के मुताबिक, 2017 की शुरुआत में 578 वाद लंबित थे जबकि 2017 में रंगेहाथ घूस लेते 38, नान ट्रैप में 14 के साथ पांच अन्य अफसरों और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया।
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घूसखोरों की भी आयी शामतवर्ष 2018 में घूस लेते हुए रंगेहाथ पकड़े गए 390 अधिकारियों और कर्मचारियों सहित नान ट्रैप में 130 विभागीय लोगों को हिरासत में लिया गया था। 2019 में भी रंगेहाथ घूस लेते हुए 835 विभागीय लोगों के साथ-साथ नान ट्रैप में 241 अफसरों और कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया। 2019 में रंगेहाथ घूस लेते पकड़े गए 26.47 फीसदी और नान ट्रैप पर 25 फीसदी अफसरों और कर्मचारियों को सजा दिलाई गई।
एक अप्रेल 2017 से अब तक तकरीबन 94 पीसीएस अधिकारियों पर दंडात्मक कार्रवाई की गई। जबकि, सालों में 480 दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ एक्शन लिया गया। इसमें 45 मामलों में मुकदमे किए गए। इसके अलावा 68 पुलिस कर्मियों को दंडित किया गया।
पिछले दो वर्षों में 429 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई में आरोपी पुलिसकर्मियों पर 14 मुकदमे दर्ज किए गए। दो पुलिसकर्मियों को बर्खास्त भी किया गया। इसके अलावा 106 पुलिस कर्मियों को परनिंदा प्रवृष्टि आदि दंड से दंडित किया गया।