ई-श्रम कार्ड धारकों के लिए मुआवजे का आवेदन: 31 मार्च तक करें,जानें किसको मिलेगा लाभ
दशमोत्तर शुल्क प्रतिपूर्ति योजना का विस्तार
- शुल्क प्रतिपूर्ति की सीमा: दशमोत्तर शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के तहत छात्रों को 10,000 रुपये से 50,000 रुपये तक की राशि प्रदान की जाएगी। यह योजना विशेष रूप से मत्स्य पालन करने वाले समुदायों के लिए तैयार की गई है।
- लाभार्थी समुदाय: इस योजना का लाभ निषाद, रैकतार, मांझी, बिंद, धीगर, कश्यप, केवट, तुरैहा, मल्लाह, गोंडिया, और कहार जैसे समुदायों के छात्रों को मिलेगा। ये समुदाय ज्यादातर मत्स्य पालन और जल संसाधनों पर निर्भर हैं।
योजना का लाभ उठाने की प्रक्रिया
- ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया: योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए लाभार्थियों को विभागीय पोर्टल पर आवेदन करना होगा। आवेदन करते समय छात्रों को एसडीएम द्वारा जारी जाति और आय प्रमाण पत्र अपलोड करना अनिवार्य होगा।
- महत्वपूर्ण निर्देश: प्रमुख सचिव मत्स्य, रविंद्र नायक, ने महानिदेशक को निर्देश जारी करते हुए कहा कि योजना का लाभ पात्र छात्रों को समय पर मिलना चाहिए।
क्यों है यह योजना महत्वपूर्ण?
शिक्षा के अवसरों का विस्तार: यह योजना शिक्षा को बढ़ावा देने और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों के बच्चों को मुख्यधारा में लाने का एक प्रयास है। इंटरमीडिएट से लेकर स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना छात्रों की उच्च शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करेगा।मत्स्य पालन से जुड़े परिवारों के लिए बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाना एक चुनौती है।
इस योजना से आर्थिक बोझ कम होगा और बच्चों को बेहतर भविष्य के लिए प्रेरित किया जाएगा।
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समुदायों का सशक्तिकरण
यह योजना न केवल शिक्षा को बढ़ावा देती है बल्कि निषाद, मांझी, कश्यप, और अन्य समुदायों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।