ये भी पढ़ें- अपने स्टार्स के लिए इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी पहली बार करेगी यह काम, प्रत्येक विधानसभा में होगा यह काम 82 किमी. लंबे कॉरिडोर में होंगे 22 स्टेशन- दिल्ली- गाजियाबाद- मेरठ का आआटीएस कॉरिडोर 82 किमी. लंबा है जिसमें 22 स्टेशन होंगे। परियोजना की डीटेल्ड डीपीआर (DPR – detailed project report) को पहले ही यूपी सरकार ने मंजूरी दे दी है, जबकि दिल्ली सरकार की इन-प्रिंसिपल मंजूरी हाल ही में मिली है। इस कॉरिडोर के निर्माण के लिए पूर्व-निर्माण गतिविधियाँ जैसे कि जियोटेक्निकल सर्वे, रोड चौड़ीकरण, यूटिलिटी डायवर्जन, इनिशियल पाइल लोड टेस्टिंग इत्यादि जैसे कार्य जोरों पर हैं।
यह तेज रफ्तार रेल 60 मिनट से भी कम समय में मेरठ से नई दिल्ली की दूरी तय करेगी। यह एक नई, समर्पित, उच्च गति, उच्च क्षमता वाली व आरामदायक रेल है जो लोगों को एनसीआर से दिल्ली तक जोड़गी। एनसीआरटीसी पहले ही गाजियाबाद, मेरठ और दिल्ली में अपने क्षेत्र कार्यालयों की स्थापना कर चुकी है, जहां अधिकारियों और जुटाए गए संसाधनों को तैनात कर दिया गया है। इस कॉरिडोर के साल 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है।
पहले चरण में तैयार हो रहे तीन कॉरिडोर- एनसीआरटीसी केंद्र सरकार, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश व राजस्थान का एक संयुक्त उद्यम है और पहले चरण में तीन प्राथमिकता वाले आरआरटीएस कॉरिडोर जैसे दिल्ली-अलवर, दिल्ली-मेरठ और दिल्ली-पानीपत को बना रहा है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड (NCRPB) द्वारा तैयार किए गए एकीकृत परिवहन योजना 2032 (Integrated Transportation Plan 2032) के तहत आठ ऐसे कॉरिडोर की पहचान की जा चुकी है।