नाम पर होगी चर्चा जिन परिवारों के पास रहने के लिए घर नहीं है, सरकार मकान बनाने के लिए उन्हें ग्राम सभा की अनुपयोगी जमीन पट्टे पर देती है। भूमिहीन परिवारों को खेती के लिए जमीन भी पट्टे पर दी जाती है। मछली पालन के व्यवसाय से जुड़े लोगों/समितियों को मत्स्य पालन के लिए तालाब के पट्टे देने के अलावा कुम्हारी कला से जुड़े लोगों को मिट्टी निकालने के लिए भी सरकार स्थल आवंटन करती है। इस बार योगी सरकार भूमिहीनों को खेती के लिए विभिन्न जिलों में कुल 543 हेक्टेयर भूमि पट्टे पर देगी। जिन परिवारों के पास जमीन नहीं है उन्हें जमीन देने के लिए बैठक में उनके नाम पर चर्चा होगी। ग्राम प्रधान की ओर से इन लोगों को मकान और खेती के लिए जमीन के पट्टे देने का प्रस्ताव पेश किया जाता है जिसे बैठक में मंजूरी दी जाती है। अनुमोदित प्रस्ताव संबंधित एसडीएम को भेजा जाता है जो अपने स्तर से पात्रता की जांच कराते हैं। जांच में पात्र पाए गए लोगों को मकान बनाने या खेती के लिए पट्टे दिए जाते हैं।
खेती के लिए आवंटित होगी 1.26 हेक्टेयर जमीन योगी सरकार खेती के लिए 1.26 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध करा सकती है। आमतौर पर आधे एकड़ से अधिक और दो हेक्टेयर से कम क्षेत्रफल के तालाबों के व्यक्तिगत पट्टे 10 साल की अवधि के लिए दिए जाते हैं। दो हेक्टेयर से अधिक बड़े तालाबों के पट्टे समितियों के पक्ष में किए जाते हैं।