कब्जे की जमीनों पर बनेगा गरीबों का घर जानकार बताते हैं कि यूपी में अपराधी पहले या तो घटना को अंजाम देने के बाद से घूमता था या फिर जेल में बैठकर अपना साम्राज्य चलाता था। उसी यूपी में सरकार ने अपराध विरोधी अभियान 2020 में शुरु किया था। माफियाओं की आर्थिक कमर तोड़ने के लिए सरकार ने अभियान छेड़ा है। अपराधियों के वर्चस्व, बाहुबली रुतबे को धराशाई करने के बाद अब सरकार उन्हीं जमीनों पर गरीबों के लिए घर बनाने की शुरुआत करेगी।
सरकार ने तोड़ी माफियाओं की कमर यूपी में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद जैसे दुर्दांत अपराधी, जो जेल से भी अपनी हुकूमत चलाते रहे, उनकी आर्थिक रीढ़ की हड्डी पहले प्रशासन ने तोड़ी। घर-परिवार-रिश्तेदारों की अवैध संपत्ति पर बुलडोजर चलाया। अब उन्हीं खाली कराई गई जमीनों पर दोबारा अपने दम पर अपराधी ना कब्जा कर सकें, इसलिए योगी सरकार का अपराध मुक्ति का नया आइडिया देखिए। सीएम योगी ने फैसला किया है कि माफियाओं के जमीनों पर अब गरीबों के लिए घर बनाया जाएगा।
माफियाओं की 1848 करोड़ की संपत्ति जब्त उत्तर प्रदेश पुलिस के एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार के मुताबिक प्रदेश में माफियाओं की करीब 1848 करोड़ की संपत्ति को अब तक जब्त किया जा चुका है या फिर ध्वस्त की जा चुका है। अतीक अहमद की 325 करोड़ की अवैध संपत्ति को सरकार ने जमींदोज किया है या फिर जब्त किया है। माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की 194 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति को पुलिस-प्रशासन जब्त किया है या फिर कब्जे से छुड़ा चुका है।
गरीबों की सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा ? उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह आवासीय योजना माफियाओं के कब्जे से छुटी जमीनों पर शुरू हो जाती तो निश्चित तौर पर अपराधियों के कब्जे के ऊपर वो सिर्फ कुछ गरीबों के घर नहीं होंगे बल्कि अपराध के खिलाफ सरकार के मजबूत इमारत कहलाएंगे, लेकिन एक सवाल का जवाब बाकी रहेगा कि क्या अपराधियों के कब्जे वाली जमीन पर आम आदमी का घर बना तो आगे सुरक्षा की गारंटी भी पुलिस प्रशासन लेगा।