योगी सरकार का बड़ा फैसला, नर्सिंग छात्र-छात्राओं को 400 रुपये और इंटर्न को 500 रुपये मिलेगा मानदेय
Corona Virus में चिकित्सकों, कार्मिकों, मेडिकल कर्मियों और नर्सिंग छात्र-छात्राओं का मनोबल बढ़ाने के लिए योगी सरकार उन्हें प्रोत्साहन राशि व मानदेय देगी।
योगी सरकार का बड़ा फैसला, नर्सिंग छात्र-छात्राओं को 400 रुपये और इंटर्न को 500 रुपये मिलेगा मानदेय
लखनऊ. कोरोना काल (Corona Virus) में चिकित्सकों, कार्मिकों, मेडिकल कर्मियों और नर्सिंग छात्र-छात्राओं का मनोबल बढ़ाने के लिए योगी सरकार उन्हें प्रोत्साहन राशि व मानदेय देगी। योगी सरकार ने एमबीबीएस इंटर्न, एमएससी नर्सिंग, बीएससी नर्सिंग, एमबीबीएस अंतिम वर्ष और जीएनएम छात्र छात्राओं को मानदेय देने का फैसला किया है। एमबीबीएस इंटर्न छात्रों को 500 रुपये और नर्सिंग छात्र छात्राओं को 400 रुपये दिए जाएंगे। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग आलोक कुमार ने इस आशय का शासनादेश जारी किया है। कोविड मरीजों के इलाज के लिए रिटायर चिकित्सक, नर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ भी मानदेय पर रखे जाएंगे। इन्हें एनएचएम की स्वीकृत दर से 25 प्रतिशत अतिरिक्त धनराशि प्रोत्साहन के रूप में दी जाएगी।
एमबीबीएस इंटर्न को 500 रुपये मानदेय योगी सरकार के फैसले के अनुसार, एमबीबीएस इंटर्न को रोजाना 500 रुपये मानदेय, एमएसएसी नर्सिंग छात्र-छात्राओं को रोजाना 400 रुपये, बीएससी नर्सिंग छात्र-छात्राओं को प्रतिदिन 300 रुपये, एमबीबीएस अंतिम वर्ष और जीएनएम छात्र-छात्राओं को प्रतिदिन 300 रुपये मानदेय दिया जाएगा। यह प्रोत्साहन राशि एक मई से 31 जुलाई तक लागू रहेगी। इसी तरह निजी क्षेत्र और सेवानिवृत्त चिकित्सक, नर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ जिन्हें कोविड वार्डों में ड्यूटी के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से मानदेय के आधार पर तैनात किया जाएगा, उन्हें एनएचएम द्वारा स्वीकृत दर पर मानदेय और उस पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन धनराशि दी जाएगी। इसी तरह लैब में काम करने वाले कार्मिकों को 10 फीसदी अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
14 दिन की कोविड ड्यूटी अनिवार्य शासनादेश के मुताबिक, पैरा मेडिकल स्टाफ, सेवानिवृत चिकित्सक और निजी क्षेत्र की सेवाएं देने वालों को कम से कम 14 दिन कोविड की ड्यूटी करनी होगी। शासनादेश के मुताबिक, निजी क्षेत्र और सेवानिवृत्त चिकित्सक, नर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ की सेवाएं लिए जाने के लिए संबंधित विभागों द्वारा केन्द्रीयकृत रूप से विज्ञप्ति प्रकाशित की जाएगी, लेकिन भर्ती की प्रक्रिया विकेन्द्रीकृत रहेगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग में इसके लिए प्रधानाचार्य या संस्थान निदेशक अधिकृत होंगे। जबकि चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग में जिला स्वास्थ्य समिति इस कार्य को करेगी। इन कर्मचारियों को 14 दिन की कोविड ड्यूटी करना जरूरी होगी।