अखिलेश के पास 76,000 रुपए का फोन अखिलेश के पास 76,000 रुपए का फोन है। जबकि 17,085 रुपए का फर्नीचर और 5.34 लाख रुपए से अधिक के व्यायाम के उपकरण हैं। पत्नी डिंपल के पास सोना, हीरा और मोती सहित 59.76 लाख रुपए के आभूषण हैं। उनके पास 1.25 लाख रुपए का कंप्यूटर भी है।
डिंपल यादव की आमदनी में इजाफा वित्त वर्ष 2017-2018 में अखिलेश की आय घटकर 84.83 लाख रुपए रह गई, जबकि साल 2013-14 में यह 1.25 करोड़ रुपए थी। हालांकि उनकी पत्नी डिंपल यादव की आमदनी में इजाफा हुआ है। वित्त वर्ष 2013-14 में जहां उनकी वार्षिक आय 28,31,838 रुपए थी, वहीं 2017-18 में यह बढ़कर 61,16,108 रुपए हो गई।
शिवपाल से ज्यादा कमाती हैं उनकी पत्नी अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव की संपत्ति में पिछले पांच साल में कई गुना इजाफा हुआ है। वर्ष 2017 में शिवपाल यादव की कुल संपत्ति 3.38 करोड़ थी जो अब बढ़कर 2022 में 11.78 करोड हो गई है। वर्ष 2012 में शिवपाल की संपत्ति 6.03 करोड़ थी। इसी तरह वर्ष 2017 में 9.35 करोड़, वर्ष 2019 में 9.98 करोड़ रुपए थी। चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे के अनुसार शिवपाल सिंह यादव की वार्षिक आय 27.35 लाख रुपये है। शिवपाल सिंह यादव की पत्नी सरला यादव की आय शिवपाल से अधिक है। सरला यादव की आय 45 लाख सालाना है। सरला यादव के पास 2.64 करोड़ की चल और 4.55 करोड़ की अचल संपत्ति है। शिवपाल सिंह ने अपनी आय का जरिया भवन किराया, कृषि और बैंक से मिलने वाले ब्याज को बताया है। वहीं इनकी पत्नी दो कंपनियों की डायरेक्टर हैं । और पेट्रोल पंप चलाती हैं। शिवपाल सिंह के पास एक अंगूठी है जिसकी कीमत 36,500 रुपये है। शिवपाल के पास एक साइफर व एक डबल बैरल बंदूक भी है।
ये भी पढ़ें: लखनऊ की 6 सीटों सहित 10 सीटों पर सपा ने घोषित किए उम्मीदवार, संघर्षशील पूजा शुक्ला उत्तरी विधानसभा से लड़ेगे चुनाव एसपी सिंह बघेल भी नहीं पीछे करहल में अखिलेश यादव के खिलाफ भाजपा से उम्मीदवार एसपीएस बघेल के पास कुल 8 करोड़ 75 लाख रुपए की संपत्ति है। जिसमें से 84 लाख की चल संपत्ति है। बघेल की पत्नी मधु सिंह बघेल के पास 25.1 लाख रुपए की संपत्ति है। वहीं बघेल के पुत्र पार्थ बघेल के पास एक 12.14 लाख रुपए की संपत्ति है। बघेल के पास 7.91 करोड़ से अधिक की अचल संपत्ति है। इलेक्शन कमीशन को दिए गए हलफनामे के अनुसार बघेल के पास कोई देनदारी नहीं है। हालांकि इनकी पत्नी मधु सिंह के पास 63.33 लाख रुपये से अधिक की देनदारी है।