ये भी पढ़ें- अयोध्याः दुष्कर्म का मुकदमा नहीं लिया वापस, तो कर दी पति की हत्या केजीएमयू के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन के अध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश ने इस मामले में कहा कि ठंड के मौसम में प्रदूषण कोरोना संक्रमण के प्रसार व मरीजों की गंभीरता भी बढ़ा सकता है। कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के ड्रॉपलेट के संपर्क में आने पर दूसरे व्यक्ति में पहुंचता है। वहीं, प्रदूषण बढ़ने पर यही ड्रॉपलेट वातावरण में मौजूद सूक्ष्मकण (पीएम 2.5) पर आ जाएंगी। व्यक्ति के सांस लेते वक्त 2.5 कण के साथ वायरस के भी शरीर में पहुंचने का खतरा रहता है। लिहाजा, प्रदूषण के नियंत्रण को लेकर ठोस कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में लोगों का मास्क पहनना आवश्यक है। प्रदूषण वैसे भी सेहत के लिए नुकसानदेह है। यह अस्थमा, सीओपीडी व हार्ट समेत कई रोगियों में खतरा बढ़ाता है।