ये भी पढ़ें- तेजी से बढ़ने लगे कोरोना के मामले, सीएम योगी ने स्कूल बंद करने के साथ दिए यह सख्त निर्देश एकाएक बढ़े मामलों ने सरकार को और सख्ती करने पर मजबूर कर दिया। सरकार ने कक्षा एक से आठ तक सभी सरकारी, मिशनरी व प्राइवेट स्कूलों को 11 अप्रैल तक बंद करने के आदेश दे दिए हैं। मंदिर, जहां भक्तों का प्रतिदिन तांता लगा रहता है वहां पर पूजा करने व प्रसाद वितरण पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। लखनऊ के फन मॉल सहित कई बार पर ताला लगा दिया गया है। शहर की मंडियों में फुटकर बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है। इसी के साथ ही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गुरुवार को प्रदेश में महामारी अधिनियम की समय सीमा बढ़ाते हुए 30 जून तक इसे लागू कर दिया। वहीं कई जिलों में धारा 144 पहले से ही लागू है।
ग्रामीण स्तर पर, जहां कोरोना का अभी तक सबसे कम प्रभाव रहा है, वहां पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निगरानी समिति के गठन के भी निर्देश के दिए हैं। इसके अतिरिक्त शुक्रवार को बैठक कर उन्होंने अधिकारियों को कोरोना नियंत्रण के लिए को विशेष दिशा-निर्देश भी दिए। लखनऊ, कानपुर, मेरठ, प्रयागराज, वाराणसी में विशेष सावधानियां बरतने के निर्देश दिए।
ये भी पढ़ें- जुलाई में शुरू हो जाएगा देश के सबसे लंबे गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य, जानिए कब तक होगा पूरा पुजारियों को भेजा गया अवकाश पर-उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक कोरोना से प्रभावित जिला राजधानी लखनऊ ही है। बावजूद इसके लोगों में सतर्कता नहीं दिख रही। ऐसे में जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने बाजारों व प्रतिष्ठानों के अतिरिर्क धार्मिक स्थलों के लिए भी विशेष आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसके चलते श्रद्धालुओं के हनुमान सेतु मंदिर में गर्भगृह तक जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। मंदिर ट्रस्ट ने सुरक्षा के मद्देनजर पुजारियों को अनिश्चितकालीन अवकाश पर भेज दिया है। अब मंदिर में पूजा नहीं होगी। जिले के गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सभी गुरुद्वारों की कमेटियों को कोरोना से निपटने के उपाय के निर्देश दे दिए हैं। गुरुद्वारे में गुरु ग्रंथ साहिब के सामने दूर से मत्था टेकने व दरबार हाल में मास्क के साथ प्रवेश के निर्देश दिए गए हैं। मनकामेश्वर मंदिर में घंटा बजाने, प्रसाद चढ़ाने पर रोक लगा दी है। 10 वर्ष आयु से कम व 60 वर्ष आयु से अधिक के लोगों के मंदिर पर प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।