केंद्रीय बजट की तरह यूपी सरकार का बजट भी पेपरलेस होगा। पर्यावरण के दृष्टिकोढ़ से यह फैसला लिया गया है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के साथ अन्य सभी मंत्रियों व विधायकों के हाथों में कागजों के बजाए एप्पल कंपनी के टैबलेट होंगे। बजट से जुड़ी सारी जानकारियां सभी के टैबलेट में पहुंचा दी जाएंगी। वहीं बजट लिटरेचर केवल वित्त विभाग की ऐप व यूपी विधानसभा की वेबसाइट के माध्यम से उपलब्ध होगा। बजट के पेपरलेस हो जाने से कागजों पर छपाई पर खर्च होने वाले करीब चार से पांच लाख रुपए भी बच सकेंगे। सभी विधायों को एप्पल कंपनी के 50,000 रुपए मूल्य तक के आईपैड खरीदने के निर्देश दिए गए थे।
इस बार के बजट का आकार भी पहले से बड़ा होगा। अनुमान के मुताबिक, कुल बजट 5.50 लाख करोड़ रुपए का हो सकता है। पिछले सत्र में पेश किए गए बजट की कुल राशि 5.12 लाख करोड़ रुपए थी। बजट ज्यादा होने की वजह यह भी है कि अगले वर्ष विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार का यह आखिरी बजट होगा, जिसमें कोशिश होगी कि सरकार लोकलुभावन व चुनाव के दृष्टिकोण से बड़े ऐलान करे। इस बार के बजट में युवाओं व किसानों पर ज्यादा फोकस भी होगा।
विपक्ष ने सरकार को विधानसभा के अंदर व बाहर घरने के लिए अपना प्लान तैयार कर लिया है। किसानों की समस्याएं, बढ़ती महंगाई व गन्ना मूल्य में इजाफा न करने जैसे मुद्दों को लेकर विपक्ष के एकजुट होकर हमलावर होने का अनुमान है। बहुजन समाज पार्टी ने बुधवार शाम पार्टी मुख्यालय में विधायकों संग बैठक की है। वहीं, समाजवादी विधायक गुरुवार सुबर सत्र से पहले पार्टी मुख्यालय में एकत्रित होकर साइकिलों से विधान भवन की ओर कूच करेंगे। कांग्रेस विधानमंडल दल की बैठक भी सुबह होगी बजे होगी। वहीं सरकार के मंत्री-विधायकों को भी विपक्ष के हर हमले का जवाब देने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।