यूपी बोर्ड से हटाया गया ये पाठ्यक्रम 12वीं कक्षा के नागरिक शास्त्र के कोर्स में ‘भारत की राजनीति खंड-क’ वाले अध्याय में से पहले तीन आम चुनाव, राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के प्रभुत्व की प्रकृति, कांग्रेस की गठबंधीय प्रकृति विषयों को हटा दिया गया है। वहीं ‘भारत की राजनीति खंड-ख’ वाले अध्याय में कांग्रेस कार्यप्रणाली की चुनौतियां से लेकर नेहरू के बाद की राजनीतिक परिपाटी, गैर कांग्रेसवाद, 1967 का चुनाव, कांग्रेस का विभाजन एवं पुनर्गठन, कांग्रेस की 1971 के चुनाव में जीत से जुड़ा पूरा अध्याय भी हटा दिया गया है।
कांग्रेसियों ने जताई नाराजगी यूपी बोर्ड सिलेबस से कांग्रेस का इतिहास हटाए जाने को लेकर कांग्रेसियों ने नाराजगी जाहिर की है। कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य अनुग्रह नारायण सिंह का कहना है कि यूपी की भाजपा सरकार द्वारा पाठ्यक्रम से कांग्रेस के इतिहास को हटाना आजादी के आंदोलन में अपनी भूमिका नहीं होने की खीझ मिटाना है। भाजपा सरकार आरएसएस के एजेंडे को लागू करना चाहती है और यह उस केस में पहला कदम है।
स्वतंत्रता संग्राम की जानकारी से वंचित रह जाएंगे छात्र इलाहाबाद विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. हेरंब चतुर्वेदी कहते हैं, “अगर कांग्रेस का इतिहास हटा दिया जाएगा तो विद्यार्थी स्वतंत्रता संग्राम और इसके विविध चरणों की जानकारी पाने से वंचित रह जाएंगे। ऐसे में उनमें राष्ट्रवाद और राष्ट्रप्रेम की भावना नहीं पनपेगी।”
कोर्स तो कम करना ही था इस मामले में यूपी सरकार का बचाव करते हुए प्रयागराज से भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी का कहना है कि यूपी सरकार को कोर्स तो कम करना ही था। ऐसे में अगर कांग्रेस से जुड़े कुछ तथ्यों को हटाया गया है, तो इसमें ऐतराज नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोर्स में ‘भारत का स्वतंत्रता आंदोलन’ शामिल है। इसमें विद्यार्थियों को काफी जानकारी मिल जाएगी।