यूसीसी लागू करने वाला पहला राज्य है उत्तराखंड
उत्तराखंड सरकार ने 13 मार्च 2024 को यूसीसी का नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके साथ ही यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बना। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मंजूरी मिलने के बाद यूसीसी को लागू कर दिया गया था। इसके साथ ही उत्तराखंड में शादी, तलाक, उत्तराधिकार और लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर कानून पूरी तरह से बदल गए। उत्तराखंड विधानसभा से इसी साल फरवरी में समान नागरिकता संहिता को पास किया गया था। सीएम पुष्कर सिंह धामी बोले-नागरिकों को मिलेंगे अब समान अधिकार
यूसीसी लागू होने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि अब राज्य के सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलेंगे। उन्होंने कहा था, “हम सभी प्रदेशवासियों के लिए यह अत्यंत हर्ष और गौरव का क्षण है कि हमारी सरकार द्वारा उत्तराखंड विधानसभा में पारित समान नागरिक संहिता विधेयक को आदरणीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने अपनी मंजूरी प्रदान की है। निश्चित तौर पर प्रदेश में समान नागरिक संहिता कानून लागू होने से सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलने के साथ ही महिलाओं पर हो रहे उत्पीड़न पर भी लगाम लगेगी। प्रदेश में सामाजिक समानता की सार्थकता को सिद्ध करते हुए समरसता को बढ़ावा देने में समान नागरिक संहिता अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
अक्टूबर में पूर्ण रूप से उत्तराखंड में लागू हो जाएगा यूसीसी
बुधवार को नई दिल्ली में म्यूरू पहाड़ फाउंडेशन के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि अक्तूबर माह में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) उत्तराखंड में पूर्ण रूप से लागू हो जाएगा। यूसीसी महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। इस दौरान न्यू अशोक नगर स्थित डीपीएमआई सभागार में फाउंडेशन ने यूसीसी विधेयक पारित कराने पर मुख्यमंत्री धामी को सम्मानित किया। इस मौके पर धामी ने कहा कि राज्य विधानसभा में नागरिक संहिता विधेयक पास होने के पीछे उत्तराखंड की जनता का आशीर्वाद है। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्र सरकार और उत्तराखंड की जनता का भी आभार व्यक्त किया। धामी ने कहा कि यूसीसी की नियमावली बनाने के लिए समिति का गठन किया गया है। कार्यक्रम में म्येरू पहाड़ फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. दयाल सिंह पंवार, एडवोकेट सतीश टम्टा, पूर्व आईएएस कुलानंद जोशी, देवेन्द्र जोशी आदि ने विचार रखे।
सीएम धामी बोले-यूसीसी को अब तक दबाकर रखा गया
धामी ने कहा कि सभी नागरिकों के लिए समान कानून की बात संविधान स्वयं करता है। अनुच्छेद 44 में उल्लेखित होने के बावजूद अब तक इसे दबाए रखा गया। यूसीसी समाज के विभिन्न वर्गों, विशेष रूप से माताओं-बहनों और बेटियों के साथ होने वाले भेदभाव को समाप्त करने में सहायक होगा।
उत्तराखंड में पांच हजार हेक्टेयर जमीन अतिक्रमण मुक्त
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि के साथ वीर भूमि भी है। यहां लगभग हर परिवार से कोई न कोई सेना, अर्द्ध सैन्य आदि बलों से जुड़ा है। उत्तराखंड का नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य देश दुनिया के लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा है। उत्तराखंड के मूल स्वरूप को बनाए रखने के लिए राज्य में जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कठोर कानून बनाया गया है। उत्तराखंड में सभी नागरिकों के संवैधानिक अधिकार सुरक्षित होंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार से देवभूमि से निकलने वाली मां गंगा अपने किनारे बसे सभी प्राणियों को बिना भेदभाव के अभिसिंचित करती है उसी प्रकार राज्य विधानसभा से पारित समान नागरिक संहिता के रूप में निकलने वाली समान अधिकारों की संहिता रूपी ये गंगा हमारे सभी नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों को सुनिश्चित करेगी।