लॉकडाउन के कारण टाली योजना मई में बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते जब लॉकडाउन हुआ तो आतंकियों ने योजना बदल दी, क्योंकि कोरोना काल में कोई भी स्थान ऐसा नहीं था जहां भीड़ हो। मिनहाज और उसके साथी लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रहे थे, जिससे वह धमाका करने के लिए ऐसे स्थान का चुनाव कर सके जहां अधिक भीड़ हो। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के आसपास धमाके की रणनीति तैयार की। इस दौरान मिनहाज अहमद और मसीरुद्दीन ने घर पर ही कुकर बम बनाना और रिक्शे की बैटरी से बम बनाना शुरू कर दिया। पकड़े जाने के बाद सुरक्षा एजेंसी पूरे नेटवर्क का डाटा खंगालने में जुटी है।
लैब टेक्निशियन की नौकरी छोड़ ज्वाइन किया आतंकी संगठन आतंकी मिनहाज अहमद लैब टेक्नीशियन की नौकरी करता था। जनवरी 2016 में नौकरी छोड़ने के बाद उसने आतंकी संगठन ज्वाइन कर लिया। काकोरी स्थित घर पर ही आतंक की पाठशाला लगाना भी शुरू कर दिया। उसने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से एक ग्रुप बनाया। इसके बाद युवाओं को ग्रुप से जोड़ने का काम शुरू किया। ग्रुप में कानपुर समेत अन्य शहरों से जुड़े लोग और कश्मीरी भी जुड़े थे। वह उन्हें आतंक की तालीम देता था। एटीएस और खुफिया विभाग की टीमें उसके मोबाइल फोन का डाटा रिकवर करने में भी जुटी हैं। विवि से मिनहाज के नौकरी छोड़ने का कारण भी कर्मचारियों और छात्रों को भड़काना ही था। उस पर धार्मिक कट्टरता के नाम पर स्टाफ और छात्रों को भड़काने का आरोप था।