स्वामी प्रसाद मौर्या ने जिस पार्टी का ऐलान किया है, वो 2013 में बनाई गई पार्टी है। अलीगढ़ के रहने वाले साहेब सिंह धनगर ने ये पार्टी बनाई थी। साहेब सिंह धनगर 1993 में बसपा से विधानसभा चुनाव लड़े थे। 2002 में सपा से लड़े थे। 2013 में इन्होंने RSSP बनाई। 2014, 2017 और 2019 का चुनाव में पार्टी ने प्रत्याशी उतारे। 2020 में इन्होंने इंडियन डेमोक्रेटिक अलायंस IDA बनाया। जिसमेमं कई छोटे दल साथ आए।
अखिलेश यादव को लिखे पत्र में मौर्य ने कहा था कि जब से मैं समाजवादी पार्टी में शामिल हुआ हूं, लगातार जनाधार बढ़ाने की कोशिश की है। जिस दिन मैं सपा में शामिल हुआ था उस दिन मैंने ‘पच्चीस तो हमारा है, 15 में भी बंटवारे’ का नारा दिया था। हमारे महापुरुषों ने भी इसी तरह की लाइन खींची थी। इसके साथ ही उन्होंने चिट्ठी में कई और बड़े नेताओं के नारे का जिक्र किया था। उन्होंने लिखा कि पार्टी की ओर से हमारे नारे को निष्प्रभावी बनाने की कोशिश की जा रही है। वहीं, पार्टी के नेता मेरे को निजी बताकर खारिज कर रहे हैं।
2022 विधानसभा चुनाव में बढ़ें विधायक
उन्होंने आगे लिखा था कि 2022 विधानसभा चुनाव में सैकड़ों उम्मीदवारों का पर्चा और सिंबल दाखिल किए जाने के बाद अचानक किए बदलाव के बाद भी हम पार्टी का जनाधार बढ़ाने में सफल रहे। उसी का परिणाम था सपा के विधायकों की संख्या बढ़ गई। एक समय कहां 45 विधायक थे, जबकि 2022 के विधानसभा चुनाव में इनकी संख्या 110 पहुंच गए। उन्होंने कहा कि विधायकों की संख्या बढ़ने के बाद भी आपने मुझे विधान परिषद में भेजा और ठीक इसके बाद राष्ट्रीय महासचिव बनाया। इस सम्मान के लिए आपको बहुत- बहुत धन्यवाद।