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जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यती नरसिंहानन्द गिरि पुलिस हिरासत में, जानें पूरा मामला सरकार फूंक-फूंक कर कदम उठा रही सूत्रों के अनुसार डॉ. निषाद ने बाकायदा प्रेस कान्फ्रेंस भी बुलाई थी। इस दौरान उन्होंने तो ये तक कह दिया था कि उनकी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात हो गई है और ऐसी संभावना है कि विधान मंडल के मानसून सत्र के दौरान इस बारे में प्रस्ताव पारित करवाकर केन्द्र को भेजा जाएगा। लेकिन खबरों के मुताबिक, ऐसा पता चला कि मौजूदा सत्र में इस बारे में सरकार शायद ही कोई प्रस्ताव लाए। भाजपा संगठन और सरकार दोनों ही इस मुद्दे पर फूंक-फूंक कर कदम उठा रहे हैं। ओबीसी जातियों को अनुसूचित जाति की लिस्ट में शामिल करने के लिए प्रदेश सरकार बहुत ठोस संवैधानिक तथ्य जुटा रही है।
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जर्जर इमारतों की ऑडिट के साथ मेंटेनेंस नियम बनायेगा नोएडा प्राधिकरण अधिसूचना जारी होने के बाद बदलाव नहीं बता दें कि संविधान का का अनुच्छेद-341 साफ तौर पर कहता है कि अनुसूचित जातियां आदेश 1950 और यथा संशोधित 1976 के तहत जारी हो चुकी अधिसूचना में कोई भी नाम जोड़ना या घटाना ही नहीं उसकी किसी भी तरह की व्याख्या भी सिर्फ संसद ही कर सकती है। इस अनुच्छेद के अनुसार अधिसूचना राष्ट्रपति जारी करते हैं। इसके बाद एक बार जारी हो जाने पर इसमें किसी तरह का बदलाव या स्पष्टीकरण का अधिकार राष्ट्रपति के पास भी नहीं है।