मदरसों के कायाकल्प के लिए जुटी सरकार गौरतलब है कि प्रदेश की योगी सरकार ने मान्यता प्राप्त मदरसों के कायाकल्प के लिए अपनी कमर कस ली है। इसी कड़ी में प्रदेश के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों पर आज से सर्वे कराने का काम शुरू हो रहा है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अपनी टीम के साथ सर्वे के काम को अंजाम देंगे। टीम के अलावा शिक्षा विभाग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। वहीं टीम को पांच अक्टूबर तक सर्वे का काम पूरा कर के 25 अक्टूबर को शासन को रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इसमें जरा सी भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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कानपुर में 300 दीनी मदरसों पर छाए संकट के बादल, इस दिन से शुरू होगा सर्वे बसपा और एआईएमआईएम ने किया हमला उधर, सरकार के इस फैसले का विपक्ष पुरजोर विरोध करने में लगा है। पहले बसपा प्रमुख मायावती ने सीएम योगी को निशाने पर लिया। वहीं अब एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने योगी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट किया कि “मोदी सरकार के मदरसों के आधुनिकरण की योजना के तहत सिर्फ यूपी में ही 50,000 शिक्षकों का कुल 750 करोड़ रुपया बकाया है। लोकसभा में मैंने सवाल उठाया जिसपर पूर्व अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने मुझे फंड जल्द तक्सीम करने का आश्वासन दिया था।”
ओवैसी ने योगी सरकार पर उठाए सवाल ओवैसी ने अगले ट्वीट में लिखा कि “टीचरों की ऐसे हालात का क्या जिम्मेदार मैं हूं। बकाया फंड देने के लिए सरकार को कौन.से सर्वे की जरूरत है। उत्तर प्रदेश में इन मदरसों को आधुनिकीकरण के बहाने निशाना बनाया जा रहा है। देश में भाजपा शासित राज्यों में मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है। जब मैंने इसकी मुखालिफत की तो मुझ पर झूठा इलजाम लगा दिया गया कि मैं मदरसों के आधुनिकीकरण के खिलाफ हूं।”