बिना पेपर देखे कोई आदेश नहीं अंजुमन ए इंतेजामिया मस्जिद वाराणसी की प्रबंधन समिति के सीनियर एडवोकेट हुजेफा अहमदी ने कहाकि, हमें तत्काल सुनवाई की जरूरत है क्योंकि सर्वेक्षण का आदेश दिया गया है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमन्ना ने कहा कि, अभी हमने पेपर नहीं देखा है। बिना पेपर देखे कोई आदेश जारी नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश जारी करने से इनकार कर दिया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर जल्द सुनवाई के लिए तैयार हो गया है।
वाराणसी कोर्ट का आदेश वाराणसी कोर्ट ने आदेश में कहा कि, ज्ञानवापी मस्जिद के चप्पे-चप्पे की वीडियोग्राफी होगी। चाहे ताला खुलवाना पड़े या तुड़वाना पड़े। सर्वे में वादी, प्रतिवादी, एडवोकेट, एडवोकेट कमिश्नर, उनके सहायक व सर्वे से संबंधित और कोई नहीं होगा। सर्वे की जिम्मेदारी डीएम और पुलिस कमिश्नर की होगी। सर्वे की रिपोर्ट 17 मई को तलब होगी।
जज ने कहा, डर का माहौल मां को सुरक्षा की चिंता वाराणसी सिविल कोर्ट सीनियर डिवीज़न जज रवि कुमार दिवाकर ने अपने फैसले में खुद और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की। जज साहब ने कहाकि, सर्वे के फैसले की वजह से मुझे अपने परिवार और परिवार को मेरी सुरक्षा की चिंता बनी हुई है। जज रवि दिवाकर ने अपने आदेश में लिखा है कि, घर से बाहर होने पर पत्नी मेरी सुरक्षा के लिए चिंतित रहती है। 11 मई को मां ने मेरी सुरक्षा पर चिंता जाहिर की। शायद उन्हें पता चला था कि मैं कमिश्नर के रुप में ज्ञानवापी जा रहा हूं। मां ने मना किया कहाकि, वहां मेरी सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
एक मस्जिद खो चुका : ओवैसी ऑल बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड प्रमुख असदद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले में जज का फैसला गलत है। संघ और भाजपा से जुड़े लोग तमाशा कर रहे हैं। देश तमाशे से नहीं संविधान से चलेगा। जिस तरह बाबरी को छीना है, उसी तरह इसे दोहराया जा रहा है। मैं एक मस्जिद खो चुका हूं, दूसरे को खोने के लिए तैयार नहीं हूं।
सर्वे होना चाहिए – केशव प्रसाद मौर्य ज्ञानवापी मस्जिद मामले में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहाकि, सर्वे होना चाहिए और इस मामले में बयानबाजी नहीं होनी चाहिए थी।