STF Action: एसटीएफ का एक्शन: दो हाथी दांत और दो लेपर्ड खाल समेत 4 तस्कर दबोचे, कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश!
STF Action: एसटीएफ ने वन्य जीव तस्करी के मामले में एक्शन शुरू कर दिया है। इसी के तहत उत्तराखंड में दो हाथी दांत, दो लेपर्ड की खाल की तस्करी रोकी गई। इसके साथ ही चार तस्कर दबोचे गए। इनकी कीमत करोड़ों रुपये बताई जा रही है।
STF Action: एसटीएफ का एक्शन: दो हाथी दांत और दो लेपर्ड खाल समेत 4 तस्कर दबोचे, कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश!
STF Action: उत्तराखंड में एसटीएफ वन्य जीवों के शिकार को लेकर एक्शन मोड में है। इसी के तहत पिछले सात दिनों में एसटीएफ ने उत्तराखंड में बड़ी कार्रवाई करते हुए चार वन्य जीव तस्कर दबोचे हैं। आरोपियों के पास से डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा का माल बरामद हुआ है। इसमें दो हाथी दांत, दो लेपर्ड की खाल शामिल है। उत्तराखंड एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि राज्य में वन्य जीव के अंगों की अवैध तस्करी की रोकथाम के लिए उत्तराखंड अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था एपी अंशुमान ने आदेश जारी किए हैं। इसी क्रम में एसटीएफ ने प्रभावी कार्रवाई तेज कर दी है।
सात दिनों में दो अलग-अलग मामलों में चार तस्कर दबोचे
उत्तराखंड एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि उत्तराखंड में पिछले सात दिनों के भीतर 2 अलग अलग मामलों में 4 वन्य जीव तस्करों को गिरप्तार किया गया। आरोपियों के कब्जे से 2 हाथी दांत एवं 2 लेपर्ड की खालें बरामद की गयी हैं। एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि चंपावत के प्रभारी निरीक्षक एमपी सिंह के नेतृत्व में शुक्रवार को एसटीएफ और वन प्रभाग की संयुक्त टीम ने एक ज्वांइट ऑपरेशन चलाया था।
इस दौरान कनवाड बैंड देवीधुरा वन रेंज क्षेत्र से 1 वन्यजीव तस्कर आनंद गिरि पुत्र महेश गिरी निवासी सूनकोट सेलाखेत थाना मुक्तेश्वर जनपद नैनीताल को 2 लेपर्ड की खाल के साथ गिरफ्तार किया गया है। आरोपी लम्बे समय से वन्यजीव अंगो की तस्करी में लिप्त था। एसटीएफ की इस कार्रवाई में मुख्य आरक्षी गोविन्द बिष्ट की विशेष भूमिका रही।
बाहरी पार्टी को लेपर्ड की खाल बेचने जा रहा था तस्कर
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि चम्पावत क्षेत्र से वन्यजीव के अंगों की तस्करी का इनपुट लम्बे समय से एसटीएफ को मिल रहा था। इसपर एसटीएफ की 1 टीम को गोपनीय रूप से इसपर लगाया गया। शुक्रवार को जब ये तस्कर खालों को किसी बाहरी पार्टी के हाथ बेचने के लिए निकला तो टीम ने इसे धर दबोचा। उन्होंने बताया कि आरोपी से पूछताछ जारी है। इसके बाद ही यह स्पष्ट होगा कि आरोपी ने लेपर्ड का शिकार कब कहां और किस जंगल में किस तरह किया। अभी प्रारम्भिक पूछताछ में इसके और भी साथियों की भूमिका सामने आयी है। जिस पर आगे कार्रवाई की जाएगी। लेपर्ड की खालें 2-3 साल पुरानी लग रही हैं।
गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है लेपर्ड का शिकार
लेपर्ड जिसे वन्यजीव जन्तु संरक्षण अधिनियम की पहली अनुसूची में रखा गया है। इसका शिकार करना एक गम्भीर अपराध है, पकड़े गये तस्करों के विरुद्ध देवीधुरा फॉरेस्ट रेंज में वन्यजीव अधिनियम (वाइल्ड लाइफ एक्ट) के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। आरोपी का नाम आनंद गिरि पुत्र महेश गिरि है। आरोपी की उम्र 30 साल और वह सूनकोर्ट सेलाखेत थाना मुक्तेश्वर जिला नैनीताल का रहने वाला है।
जानकारों की मानें तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में हाथी दांत की कीमत पांच लाख रुपये प्रति किलो तक है। इसके अलावा लेपर्ड की खाल 50 लाख रुपये तक बिकती है। ऐसे में माना जा रहा है कि उत्तराखंड में एसटीएफ ने करीब डेढ़ करोड़ की अवैध तस्करी पर बड़ी कार्रवाई की है। जानकारों का कहना है कि तेंदुए की खाल एक शक्तिशाली ऊर्जा देने वाला पत्थर माना जाता है जो आभा क्षेत्र और चक्रों को संतुलित और संरेखित करने में मदद करता है। यह भावनाओं और मानसिक स्थिति में स्थिरता और संतुलन लाने के लिए जाना जाता है।
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