मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मायावती और अखिलेश यादव दोनों ही दल 2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजों के आधार पर ही सीटों का बंटवारा करना चाहते हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा ने जहां 05 सीटों पर जीत हासिल की थी, वहीं बसपा का खाता नहीं खुला था और कांग्रेस को दो सीटें मिली थीं। बसपा भले ही सीटें जीतने में कामयाब नहीं रही थी, लेकिन 34 सीटों पर बसपा दूसरे नंबर पर रही थी। समाजवादी पार्टी 31 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी। कांग्रेस छह सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी।
2014 के आम चुनाव में मिले मतों के आधार पर समाजवादी पार्टी 36 और बसपा 34 सीटें चाहती है। कुल मिलाकर ये दोनों दल 70 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। ऐसे में जाहिर है ये कांग्रेस को उसके पिछले प्रदर्शन के आधार पर 08 सीटें और रालोद को 02 सीटें देना चाहते हैं। सपा-बसपा के इस फॉर्मूले पर कांग्रेस तैयार होती है या नहीं, ये वक्त बताएगा। फिलहाल मायावती और अखिलेश यादव कांग्रेस को 08 से अधिक सीटें देने के इच्छुक नहीं हैं। सूत्रों का कहना है कि इसमें अभी एक दो सीटें इधर से उधर हो सकती हैं, जिन्हें सपा अपने खाते से दे सकती है।