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लखनऊ

लोकसभा चुनाव 2019 : …तो क्या यूपी में सपा-बसपा के जूनियर पार्टनर बनेंगे राहुल गांधी? ये है सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला

उत्तर प्रदेश में बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कांग्रेस पार्टी को अपना जूनियर पार्टनर मानकर चल रहे हैं…

लखनऊJul 16, 2018 / 05:53 pm

Hariom Dwivedi

loksabha chunav 2019

लोकसभा चुनाव 2019 : …तो क्या यूपी में सपा-बसपा के जूनियर पार्टनर बनेंगे राहुल गांधी? ये है सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला

लखनऊ. लोकसभा चुनाव की तारीखें भले ही अभी घोषित न हुई हों, लेकिन उत्तर प्रदेश में सियासी बिसात बिछनी शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत पूरी भाजपा सूबे का चुनावी माहौल गरमाने में जुट गई है, वहीं विपक्षी दल महागठबंधन का ताना-बाना बुनने में जुटे हैं। सीटों के बंटवारे को लेकर विपक्षी दलों के गठबंधन का पेंच अभी फंसा हुआ है, लेकिन वार्ताओं का दौर जारी है।
सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश में बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कांग्रेस पार्टी को अपना जूनियर पार्टनर मानकर चल रहे हैं। दोनों दल कांग्रेस पार्टी को आठ से ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं हैं। इसे लेकर सपा-बसपा के बड़े नेताओं के बीच कई दौर की अनौपचारिक बातचीत हो रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक सपा नेता ने दावा किया है कि यूपी में कांग्रेस को आठ से ज्यादा सीटें नहीं दी जाएंगी, वहीं राष्ट्रीय लोकदल को दो सीटें देने पर विचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि सीटों के बंटवारे के फॉर्मूले पर चर्चा सपा कार्यकारिणी की बैठक में होगी, जो 28 जुलाई को होनी है।
ये है सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मायावती और अखिलेश यादव दोनों ही दल 2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजों के आधार पर ही सीटों का बंटवारा करना चाहते हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा ने जहां 05 सीटों पर जीत हासिल की थी, वहीं बसपा का खाता नहीं खुला था और कांग्रेस को दो सीटें मिली थीं। बसपा भले ही सीटें जीतने में कामयाब नहीं रही थी, लेकिन 34 सीटों पर बसपा दूसरे नंबर पर रही थी। समाजवादी पार्टी 31 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी। कांग्रेस छह सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी।
किस दल को कितनी सीटें
2014 के आम चुनाव में मिले मतों के आधार पर समाजवादी पार्टी 36 और बसपा 34 सीटें चाहती है। कुल मिलाकर ये दोनों दल 70 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। ऐसे में जाहिर है ये कांग्रेस को उसके पिछले प्रदर्शन के आधार पर 08 सीटें और रालोद को 02 सीटें देना चाहते हैं। सपा-बसपा के इस फॉर्मूले पर कांग्रेस तैयार होती है या नहीं, ये वक्त बताएगा। फिलहाल मायावती और अखिलेश यादव कांग्रेस को 08 से अधिक सीटें देने के इच्छुक नहीं हैं। सूत्रों का कहना है कि इसमें अभी एक दो सीटें इधर से उधर हो सकती हैं, जिन्हें सपा अपने खाते से दे सकती है।

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