बीमार बुजुर्ग बीना ने लोकबंधु अस्पताल में दम तोड़ा, तो बेटे ने भी मुंह मोड़ लिया। अस्पताल प्रशासन ने वृद्धा के मरने की सूचना पुलिस को दी, तो पता चला कि इकलौते बेटे ने जालंधर की राह पकड़ ली है। क्योकि उसके पास मां के अंतिम संस्कार करने के लिए पैसे नहीं थे, जो पैसे कमा कर लाया था वो ख़त्म हो चुके थे। इसलिए उसने शव को अस्पताल में ही छोड़कर भाग जाना उचित समझा।
मानकनगर के मेहंदी खेड़ा में रहने वाली 80 वर्षीय वृद्धा बीना की रविवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई। उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी बेटा रामचंद्र उन्हें लेकर लोकबंधु अस्पताल पहुंचा जहां, डाक्टरों ने उन्हें जनरल वार्ड में भर्ती कर लिया। सोमवार दोपहर वृद्धा ने दम तोड़ दिया। वृद्धा की मौत की पुष्टि होते ही रामचंद्र वहां से निकलकर चला गया। अस्पताल कर्मचारी उसकी तलाश करते रहे। भर्ती के समय दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया तो वह स्विच आफ मिला।