बैठक में यह भी तय किया गया कि ढाई लाख से कम आय वाले व्यापारियों को आयुष्मान स्वास्थ्य योजना में शामिल किया जाएगा। इसमें खुदरा व्यापारी, रेहड़ी, पटरी दुकानदार, गली मोहल्लों के दुकानदार, मोची-नाई आदि को यह सुविधा मिल सकेगी। इसके अलावा प्राकृतिक आपदाओं में व्यापारियों को लाभ कैसे मिले और उसका क्या स्वरूप हो इस पर भी व्यापारियों की राय मांगी गयी।
व्यापारियों ने एक प्रस्ताव में कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का सरलीकरण किया जाए और पहले से चल रही वैट व्यवस्था की तुलना में उसे और अधिक जटिल न बनाया जाए। प्लास्टिक, फर्नीचर और कपड़ा धोने का साबुन पर जीएसटी पांच प्रतिशत होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। बोर्ड ने इस प्रस्ताव को सर्व सम्मत से पास कर दिया और व्यापारकर आयुक्त से आग्रह किया है कि जीएसटी का सरलीकरण तत्काल किया जाए।
बैठक में व्यापारियों ने इस बात को उठाया कि सरकारी विभागों और अन्य संस्थाओं के सदस्यों को जब सरकार दुर्घटना बीमा देती है तो व्यापाारी और फर्म के पार्टनरों को भी दुर्घटना बीमा योजना का लाभ क्यों नहीं मिलना चाहिए। बैठक में तय किया गया कि व्यापारियों और सदस्यों को दुर्घटना बीमा से जोड़ा जएगा और उन्हें उसका लाभ मिलेगा।
बैठक में व्यापारियों ने मांग रखी कि अक्सर सरकार व्यापारियों के लिए कोई न कोई योजना का संचालन करती है। पर इसकी जानकारी आम व्यापारी को नहीं हो पाती। इसलिए बैठक में प्रस्ताव पास किया गया कि हर जिले में सरकारी योजनाओं को विस्तार से प्रचारित किया जाएगा। इसके लिए विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी जिले वार बतायी जाएगी।
बैठक में व्यापारियों ने कहा कि अक्सर कई विभाग व्यापारियों को परेशान करते हैं और समय से काम नहीं करते। बिजली, खाद्य आपूर्ति, बाट माप, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, प्रदूषण जैसे विभागों को जटिल कानून व्यापारियों को प्रताड़ित करने का काम करते हैं। बैठक में प्रस्ताव पास किया गया कि सभी विभागों से सरल कानून व्यवस्था बनाने का अनुरोध किया जाए ताकि व्यापारियेां को परेशान न उठानी पड़े। बैठक में बोर्ड के सदस्य और व्यापारी अशोक गोयल, अमरनाथ मिश्र, सुनील गुप्ता, महेश पुरी, दीलीप सेठ और अशोक मोतियानी आदि मौजूद थे।