प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव ने अपने भतीजे और सपा प्रमुख अखिलेश यादव से विवादों के बाद अपनी पार्टी को मजबूत बनाने में लगे हैं। लेकिन इस साल विधानसभा चुनाव से पहले दोनों में समझौता हो गया था। उन्होंने विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। चुनाव के बाद फिर बढ़की दूरियां नजर आ रही हैं।
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देशभर के रेल यात्रियों के लिए केदारनाथ यात्रा, IRCTC का सबसे सस्ता पैकेज शिवपाल ने कहा था पार्टी से निकाल दें सपा पार्टी और पारिवारिक मुद्दों की लड़ाई बढ़ती ही चली गई। अखिलेश के सियासी बयानों के बाद शिवपाल ने कह दिया था कि अगर ज्यादा समस्या हो रही है तो पार्टी से निकाल दे। शिवपाल यादव ने 21 अप्रैल को समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव की उस टिप्पणी पर आपत्ति जताई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘भाजपा से मिलने वाला सपा में नहीं रहेगा। शिवपाल ने कुछ माह पहले भाजपा के साथ बढ़ती दोस्ती के संकेत दिए थे। जिससे चर्चाएं और तेज हो गईं।
सपा विधायकों के पास नहीं बैठने की इच्छा शिवपाल और अखिलेश के बीच दरार तब बढ़ गई थी जब उन्होंने अपने चाचा को 26 मार्च को हुई सपा के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में आमंत्रित नहीं किया था। इसके बाद मन-मुटाव बढ़ता गया। इसीलिए अब बजट सत्र में शिवपाल यादव ने स्पीकर से सीट बदलवाने की गुहार लगाई है।
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अचानक इतनी सस्ती हो गई ईंट, कहीं सस्ते दाम आपके घर की नींव तो नहीं कर रहे कमजोर, जानें नई कीमतें 17 विधायकों की बदली सीटशिवपाल यादव की चिट्ठी पर बुधवार को कई विधायकों की सीट बदल दी गई है। बुधवार को सपा के 17 विधायकों की सीट बदल दी गई है। इससे पहले सपा सदस्यों ने अखिलेश यादव से भी सीटों को लेकर दिक्कतें बताई थी। सपा के विधायक स्वामी ओमवेश, श्याम सुंदर, गीता शास्त्री और विजमा यादव समेत 17 विधायकों की सीट बदली गई है। हालांकि अभी तक शिवपाल सिंह यादव की सीट नहीं बदली गई है। अब माना जा रहा है कि कुछ और विधायक भी सीट बदलने की मांग कर सकते हैं।