Weather Forecast Heavy Rain: लखनऊ, हरदोई ,लखीमपुर, सीतापुर सहित कई जिलों में IMD ने जारी किया Alert, देखिए बाकी जिलों का हाल
उन्होंने यह कभी नहीं सोचा था कि वह अपने बच्चों ऐसे किसी विद्यालय में पढ़ा पाएंगे। उनके लिए आज का दिन किसी पर्व से कम नहीं था। इस मौके पर अभिभावकों ने सीएम योगी का आभार जताया। वहीं बच्चों ने भी मन से पढ़ने और कुछ कर गुजरने का संकल्प लिया।अधिकारियों ने बढ़ाया उत्साह प्रदेश के अलग-अलग मंडलों में निर्मित इन विद्यालयों में कक्षा छह में 80 विद्यार्थियों का प्रवेश परीक्षा के माध्यम से दाखिला हुआ है, जिसमें 40 बालिकाएं और 40 बालक हैं। आज इन विद्यालयों में आयोजित हुए सत्रारंभ के कार्यक्रम में जनपद और मंडलीय स्तर के अधिकारी भी शामिल हुए। उन्होंने विद्यार्थियों व अभिभावकों से संवाद कर उनका उत्साह बढ़ाया।
Lucknow Ambedkar Park: लखनऊ के अंबेडकर पार्क में लगे हाथी पर गिरी बिजली, टूटा दाँत
अधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि धन की वजह से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से कोई भी विद्यार्थी वंचित न रहे। यह विद्यालय श्रमिकों के बच्चों के साथ-साथ बेसहारा बच्चों के सपनों को नई उड़ान देगा और उन्हें एक अच्छा नागरिक बनाएगा, जो प्रदेश एवं देश के विकास में अपना योगदान दे सकेंगे।गोरखपुर में मना प्रवेश उत्सव
गोरखपुर मंडल के सहजनवा में शुरू हुए अटल आवासीय विद्यालय के प्रथम शैक्षणिक सत्र को उत्सव के रूप में मनाया गया। विद्यालय के शिक्षकों ने नव प्रवेशित बच्चों और उनके अभिभावकों का स्वागत किया। अपनी पुत्री गरिमा को विद्यालय पहुंचाने आए नौसढ़ निवासी मजदूर विकास जायसवाल ने कहा ”अपनी वर्तमान कमाई को कई गुना बढ़ा लेने पर भी वह इस तरह के स्कूल में बच्चों को पढ़ा नहीं पाते। पढ़ाई की चिंता दूर हो गई, अब बच्चों का भविष्य संवर जाएगा।” उन्होंने मजदूरों के बच्चों को भी कान्वेंट स्कूल जैसी सुविधा मुफ्त में देने के लिए सीएम योगी को धन्यवाद दिया।
वाराणसी के करसड़ा में शुरू हुआ विद्यालय वाराणसी के करसड़ा में अटल आवासीय विद्यालय 66.54 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ है। विद्यालय में गंगा, यमुना, सरस्वती और गोमती चार हाउस बनाए गए है। आज से यहां का भी पहला सत्र प्रारंभ हो गया। इस दौरान अपने बेटे को कंप्यूटर की शिक्षा दिलाने की चाह लेकर पहुंचे चंदौली के श्रमिक असलम ने कहा ”उनका बेटा अच्छे स्कूल में पढ़ना चाहता था लेकिन आय कम होने से ऐसा हो पाना कठिन था।”