उनके मंत्री बनने की अटकलें इसलिए भी लगाई जा रही है कि उन्होंने एक सप्प्ताह पहले पीएम मोदी से मुलकात की थी, इसलिए उनके मंत्रीमंडल में शामिल होने की चर्चा जोरों पर है। सत्यपाल सिंह एक तेज तर्रार पुलिस अफसर रहे हैं। उन्हें अभी तक के सफर में हम हर जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है। चाहे पढ़ाई का क्षेत्र रहा हो या फिर सर्विस का या राजनीतिक का क्षेत्र या सामाजिक जिम्मेदारी का। वे हर कसौटी पर खरे उतरे हैं।
वैज्ञानिक बनना चाहते थे
बीजेपी सांसद सत्यपाल सिंह का जन्म 29 नवंबर, 1955 को पश्चिमी यूपी के बागपत के बसौली गांव में हुआ था। वे पुलिस सेवा में जाने से पहले वैज्ञानिक बनना चाहते थे। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से केमेस्ट्री में एफफिल किया है। उन्होंने नागपुर यूनिवर्सिटी से नक्सलिज्म पर शोध भी किया है। 1980 में उनका चयन भारतीय पुलिस सेवा में हुआ और उन्हें महाराष्ट्र कैडर मिला।
बीजेपी सांसद सत्यपाल सिंह का जन्म 29 नवंबर, 1955 को पश्चिमी यूपी के बागपत के बसौली गांव में हुआ था। वे पुलिस सेवा में जाने से पहले वैज्ञानिक बनना चाहते थे। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से केमेस्ट्री में एफफिल किया है। उन्होंने नागपुर यूनिवर्सिटी से नक्सलिज्म पर शोध भी किया है। 1980 में उनका चयन भारतीय पुलिस सेवा में हुआ और उन्हें महाराष्ट्र कैडर मिला।
इस तरह अपने काम को दिया अंजाम
पुलिस अफसर के तौर पर महाराष्ट्र में विभिन्न जगहों पर तैनात रहते हुए एसपी सिंह ने अपनी जिम्मेदारियों को बड़े ही जबरदस्त तरीके से पूरा किया। मुंबई के अपराध प्रमुख के रूप में उन्होंने संगठित अपराध सिंडिकेट की रीढ़ को तोडऩे का काम किया। 1990 के दशक में मुंबई में छोटा राजन, छोटा शकील और अरुण गवली गिरोहों का आतंक था। पुलिस सेवा के दौरान उन्होंने कई उल्लेखनीय कार्य किए. 2012 में वे मुंबई पुलिस कमिश्नर बनाया गया।
पुलिस अफसर के तौर पर महाराष्ट्र में विभिन्न जगहों पर तैनात रहते हुए एसपी सिंह ने अपनी जिम्मेदारियों को बड़े ही जबरदस्त तरीके से पूरा किया। मुंबई के अपराध प्रमुख के रूप में उन्होंने संगठित अपराध सिंडिकेट की रीढ़ को तोडऩे का काम किया। 1990 के दशक में मुंबई में छोटा राजन, छोटा शकील और अरुण गवली गिरोहों का आतंक था। पुलिस सेवा के दौरान उन्होंने कई उल्लेखनीय कार्य किए. 2012 में वे मुंबई पुलिस कमिश्नर बनाया गया।
राजनीतिक सफर
सत्यपाल सिंह ने 31 जनवरी, 2014 को भारतीय पुलिस सेवा की नौकर से इस्तीफा दे दिया और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) के लिए आवेदन किया। महाराष्ट्र सरकार ने उनका आवेदन स्वीकार कर लिया। 2 फरवरी को उन्होंने मेरठ में भाजपा की एक रैली में गुजरात के मुख्यमंत्री तथा प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह तथा यूपी बीजेपी के प्रभारी अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
बीजेपी ने सत्यपाल सिंह को बागपत से 2014 लोकसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया। उन्होंने तत्कालीन नागर विमानन मंत्री तथा राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष अजित सिंह को हरा दिया। सत्यपाल सिंह ने यह सीट दो लाख से अधिक मतों से जीतकर रिकॉर्ड कायम किया। बीजेपी ने इस सीट पर पहली बार जीत हासिल की, अजित सिंह का इस सीट पर 1989 से कब्जा था।
सत्यपाल सिंह ने 31 जनवरी, 2014 को भारतीय पुलिस सेवा की नौकर से इस्तीफा दे दिया और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) के लिए आवेदन किया। महाराष्ट्र सरकार ने उनका आवेदन स्वीकार कर लिया। 2 फरवरी को उन्होंने मेरठ में भाजपा की एक रैली में गुजरात के मुख्यमंत्री तथा प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह तथा यूपी बीजेपी के प्रभारी अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
बीजेपी ने सत्यपाल सिंह को बागपत से 2014 लोकसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया। उन्होंने तत्कालीन नागर विमानन मंत्री तथा राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष अजित सिंह को हरा दिया। सत्यपाल सिंह ने यह सीट दो लाख से अधिक मतों से जीतकर रिकॉर्ड कायम किया। बीजेपी ने इस सीट पर पहली बार जीत हासिल की, अजित सिंह का इस सीट पर 1989 से कब्जा था।
यहां से निकलते हैंं दिग्गज निशानेबाज
सत्यपाल सिंह ने बागपत के जोहरी गांव में 1998 में एक शूटिंग क्लब की स्थापना की थी। यह गांव देश को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के निशानेबाज देता रहा है। सत्यपाल सिंह यहां हर साल एक टूर्नामेंट आयोजित करवाने के लिए अपना एक महीने का वेतन दिया करते थे। यह क्लब देश को 400 से अधिक निशानेबाज दे चुका है, जो सेना, बीएसएफ, विभिन्न प्रांतों की पुलिस आदि में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
सत्यपाल सिंह ने बागपत के जोहरी गांव में 1998 में एक शूटिंग क्लब की स्थापना की थी। यह गांव देश को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के निशानेबाज देता रहा है। सत्यपाल सिंह यहां हर साल एक टूर्नामेंट आयोजित करवाने के लिए अपना एक महीने का वेतन दिया करते थे। यह क्लब देश को 400 से अधिक निशानेबाज दे चुका है, जो सेना, बीएसएफ, विभिन्न प्रांतों की पुलिस आदि में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।