बुधवार को लखनऊ स्थित अपने आवास पशुपतिनाथ अपॉर्टमेंट में पत्रकारों से बात करते हुए सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने 2022 के विधानसभा चुनाव सपा के साथ मिलकर लड़ने की घोषणा की। पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने भाजपा पर जमकर हमला किया। राजभर ने कहा कि भाजपा ने सभी वर्गों के साथ धोखा किया। विशेष रूप से भाजपा ने दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को धोखा दिया है। ओमप्रकाश ने बताया ने उन्होंने सपा अध्यक्ष एवं यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव से एक शिष्टाचार मुलाकात भी। अखिलेश से मिलने के बाद ही राजभर ने सपा के साथ चुनाव लड़ने का एलान किया है।
वहीं समाजवादी पार्टी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि यूपी की राजनीति में ‘सपा और सुभासपा आए साथ, यूपी में भाजपा साफ’ ! ट्विटर पर सपा ने लिखा कि वंचितों, शोषितों, पिछड़ों, दलितों, महिलाओं, किसानों, नौजवानों, हर कमजोर की लड़ाई दोनों दल मिलकर लड़ेगे। सपा ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर अखिलेश यादव और ओमप्रकाश राजभर की तस्वीर भी पोस्ट की है।
यूपी में 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ सरकार में शामिल होने के बाद ओमप्रकाश राजभर की कैबिनेट मंत्री रहते हुए योगी सरकार से कई मुद्दों को लेकर लगातार दूरियां बढ़ती गई थी। जिसके चलते उन्हें अपनी मंत्री पद तक गंवाना पड़ा था। इसके बाद से भाजपा और सुभासपा के बीच खाई बढ़ती गई और राजभर से एनडीए से अलग हो गए। इसके बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से नजदीकियां बढ़ी। दोनों नेताओं ने यूपी में सरकार बनाने का दावा भी किया था। लेकिन दोनों की दोस्ती परवान नहीं चढ़ सकी और उनके रास्ते अलग-अलग हो गए। ओमप्रकाश राजभर ने यूपी की सत्ता में पाने के लिए कई छोटे दलों को मिलाकर एक मोर्चा भी बनाया था।
सपा और सुभासपा के मिलकर विधानसभा का चुनाव लड़ने की घोषणा पूर्वांचल की सीटों का समीकरण बिगाड़ सकता है। ओमप्रकाश राजभर की पार्टी ने हमेशा ही छोटे दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है, लेकिन जीत हासिल नहीं कर सके थे। 2017 के विधानसभा के चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन में पूर्वांचल की 8 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। जिसमें से 4 सीटों पर सुभासपा के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी।