scriptसत्ता का केंद्र बदला, सैफई की तर्ज पर अब गोरखपुर महोत्सव | saifai mahotsav and gorakhpur mahotsav news | Patrika News
लखनऊ

सत्ता का केंद्र बदला, सैफई की तर्ज पर अब गोरखपुर महोत्सव

उत्तर प्रदेश में सत्ता का केंद्र बदलने के साथ ही जश्न और मनोरंजन की भव्यता का केंद्र भी बदल गया है।

लखनऊJan 11, 2018 / 02:51 pm

Laxmi Narayan

gorakhpur mahotsav
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में सत्ता का केंद्र बदलने के साथ ही जश्न और मनोरंजन की भव्यता का केंद्र भी बदल गया है। सैफई महोत्सव की तर्ज पर अब गोरखपुर महोत्सव की शुरुआत हुई है। बैले डांस, कत्थक, फ़िल्मी सितारों के जमघट, खेलकूद, क्षेत्रीय कार्यक्रम सहित वे सारे आयोजन यहां हो रहे हैं जो सैफई महोत्सव में आयोजित हुआ करते थे। इस बार गोरखपुर महोत्सव के ही दौरान सैफई महोत्सव भी आयोजित हो रहा है लेकिन वहां उस तरह की रौनक नहीं है जैसी सपा सरकार के समय में हुआ करती थी। अब रौनक पूरी तरह से सैफई से गोरखपुर शिफ्ट हो गई है।
गुरुवार से शुरू हुए गोरखपुर महोत्सव के कार्यक्रम

11 जनवरी से गोरखपुर महोत्सव की शुरुआत हो गई। इसका समापन 13 जनवरी को होना है। बॉलीवुड की कई हस्तियां कार्यक्रम में हिस्सा ले रही हैं।शंकर महादेवन, शान, अनुराधा पौडवाल, ललित पंडित, अनूप जलोटा, भोजपुरी स्टार रवि किशन, लोक गायिका मालिनी अवस्थी सहित कई कलाकारों के कार्यक्रम हो रहे हैं। कोरियोग्राफर ममता शंकर के नृत्य से गोरखपुर महोत्सव की शुरुआत हो रही है, जिसमें 500 स्कूली बच्चे हिस्सा ले रहे हैं। ये बच्चे उत्तर प्रदेश के अलावा, पंजाब, महाराष्ट्र, त्रिपुरा, ओडिशा, राजस्थान, गोवा, कश्मीर के लोकनृत्य प्रस्तुत कर रहे हैं। इन कार्यकमों के अलावा पैरामोटर ग्लाइडिंग, शूटिंग, हॉट एयर बैलून, सहित खेलकूद के भी कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं।
नाथ संप्रदाय की दिखेगी झलक

महोत्सव में नाथ संप्रदाय की झलक भी देखने को मिली। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाथ संप्रदाय से ताल्लुक रखते हैं। कार्यक्रम के शुभारम्भ से पहले शोभायात्रा निकाली गई जिसमें नाथ संप्रदाय की झलक देखने को मिली। इस शोभायात्रा में नाथ संप्रदाय का इतिहास प्रदर्शित किया गया। महोत्सव के समापन समारोह में 13 जनवरी को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहेंगे।
सैफई महोत्सव में सूनापन

सत्ता केंद्र के परिवर्तन का असर भी साफ़तौर पर दिखाई दे रहा है। एक ओर जहां गोरखपुर महोत्सव में सरकारी मशीनरी से लेकर सरकार और बॉलीवुड तक कार्यक्रम की रौनक बढ़ाने में लगे हैं तो दूसरी ओर सैफई महोत्सव में खानापूर्ति भर के आयोजन हो रहे हैं। पिछले सालों की तरह इस साल न तो सैफई में बॉलीवुड कलाकारों का जमावड़ा है न ही सरकारी मशीनरी की दिलचस्पी। खेलकूद, कुश्ती और सांस्कृतिक आयोजनों के सहारे कार्यक्रम की औपचारिकता निभाई जा रही है। मुलायम कुनबे में चल रहे झगड़े का भी असर महोत्सव पर साफ़ दिखाई दे रहा है।
बच्चों की मौत के बाद गोरखपुर महोत्सव की आलोचना

अखिलेश सरकार में मुजफ्फरनगर दंगों के बाद सैफई में भव्य रूप से सैफई महोत्सव का आयोजन किया गया था। तब विपक्ष और जनता ने उस आयोजन की खूब आलोचना की थी। दंगे में बेघर हुए लोगों की ठंड में ठिठुरती तस्वीरें और सैफई की रंगीनियां लोगों के बीच गुस्सा जगाने का काम कर रही थी। अब गोरखपुर महोत्सव पर विपक्ष ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला बोला है। समाजवादी पार्टी ने प्रदेश सरकार पर यह कहकर हमला बोला है कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सैकड़ों बच्चों की मौत हो गई और सरकार संवेदनहीनता दिखाते हुए जश्न मना रही है। सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि यह महोत्सव बच्चों की मौत पर जश्न मनाने जैसा है।

Hindi News / Lucknow / सत्ता का केंद्र बदला, सैफई की तर्ज पर अब गोरखपुर महोत्सव

ट्रेंडिंग वीडियो