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ध्वजारोहण और राष्ट्रगान की नई परंपराराज्यपाल द्वारा विधान भवन के सामने सुबह 10 बजे ध्वजारोहण किया जाएगा, जिसके बाद पूरे शहर में रेड सिग्नल लगा दिया जाएगा। यह प्रक्रिया 52 सेकंड तक चलेगी, जिसमें सभी लोग राष्ट्रगान के लिए खड़े रहेंगे। इस अवसर पर सायरन बजाकर लोगों को पहले से सतर्क किया जाएगा। राष्ट्रगान का सीधा प्रसारण शहरभर में स्मार्ट सिटी की एलईडी स्क्रीन, पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम और स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के जरिए किया जाएगा।
इस कार्यक्रम को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए लखनऊ पुलिस द्वारा प्रत्येक चौराहे पर एक नोडल अधिकारी की तैनाती की गई है। यह अधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि यातायात में कोई अव्यवस्था न हो और सभी लोग राष्ट्रगान में हिस्सा लें।
इस बार गणतंत्र दिवस परेड को और अधिक भव्य बनाने की तैयारी हो रही है। प्रशासन ने परेड में भाग लेने के लिए आठ राज्यों के कलाकारों को आमंत्रित किया है। गत वर्ष केवल पांच राज्यों के कलाकार आए थे, लेकिन इस बार की परेड में अधिक राज्यों के कलाकार अपनी कला और संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे।
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मुख्य कार्यक्रमों की तैयारी और निरीक्षणजिलाधिकारी विशाख जी और मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब लगातार आयोजन स्थलों का निरीक्षण कर रहे हैं। विधानसभा और पुलिस लाइन में तैयारियों की समीक्षा की गई है। मुख्य परेड से पहले सभी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जाएगा ताकि आयोजन में कोई कमी न रह जाए।
गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम को शहर भर में प्रसारित करने के लिए स्मार्ट सिटी के आईटीएमएस सिस्टम का उपयोग किया जाएगा। प्रमुख चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर बड़ी स्क्रीन और लाउडस्पीकर के माध्यम से राष्ट्रगान और ध्वजारोहण का सीधा प्रसारण होगा।
कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा और यातायात प्रबंधन को प्राथमिकता दी गई है। पुलिस आयुक्त को जिलाधिकारी द्वारा विशेष निर्देश दिए गए हैं। परेड मार्ग पर विशेष सुरक्षा बल तैनात रहेंगे, जबकि यातायात को सुव्यवस्थित करने के लिए वैकल्पिक मार्गों की योजना बनाई गई है।
गणतंत्र दिवस न केवल भारत के संविधान लागू होने का उत्सव है, बल्कि यह हमारी एकता, अखंडता और विविधता का प्रतीक भी है। लखनऊ प्रशासन का यह प्रयास इस महत्वपूर्ण दिन को और अधिक यादगार बनाने की दिशा में एक कदम है।