आरबीआई के नए आदेशों के बाद एग्रीगेटर्स और मर्चेंट्स के लिए परेशानी बढ़ा सकती है। 1 जुलाई से यह नियम लागू होने वाला है। अभी पेमेंट एग्रीगेटर्स, पेमेंट गेटवेज और मर्चेंट्स अपने प्लेटफॉर्म पर कस्टमर के कार्ड की डिटेल स्टोर करते हैं। इससे हर बार कस्टमर को ट्रांजैक्शन के वक्त अपने कार्ड की डिटेल डालने की जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन नया नियम लागू होने के बाद ग्राहकों को हर बार ट्रांजैक्शन के समय कार्ड की डिटेल्स देनी होंगी। अब मर्चेंट्स ग्राहकों की डिटेल्स नहीं रख सकेंगे।
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गुड न्यूजः जनधन खाताधारकों को हर महीने आएंगे 3 हजार रुपए, फटाफट यहां खोलें अपना खाता अब हर पेमेंट से पहले देने होगी जानकारी अब ऑनलाइन पेमेंट करने के बाद भी आपकी जानकारी सिर्फ आप तक रहेगी। अभी तक पेमेंट एग्रीगेटर्स, पेमेंट गेटवेज और मर्चेंट्स अपने प्लेटफॉर्म पर कस्टमर के कार्ड की डिटेल्स स्टोर करते थे, लेकिन 1 जुलाई से हर खरीदारी पर आपको अपने कार्ड का 16 डिजिट का नंबर, एक्सपायरी डेट और कार्ड वेरिफिकेशन वैल्यू (CVV) डालना होगा। आरबीआई का मानना है कि इस नियम के लागू होने के बाद कुछ हद तक फ्रॉड कम हो जाएगा। आरबीआई पहले दो बार इस नियम को लागू करने की डेडलाइन बढ़ा चुका है। आखिरी बार उसने 23 दिसंबर को यह डेडलाइन 6 माह के लिए बढ़ाई थी। अब 1 जुलाई से लागू करने की बात सामने आई है।
बड़ी कंपनियां वहीं लेंगी कार्ड पेमेंट ऑनलाइन फ्रॉड सबसे अधिक कार्ड पेमेंट करने पर रहता है। क्योंकि कार्ड की सभी जानकारी साझा हो जाती हैं। एप्पल इंडिया समेत कई बड़ी कंपनियों ने ये तय किया है कि अब भारतीय कस्टमर्स से क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से पेमेंट नहीं स्वीकार करेगी। कस्टमर्स को पेमेंट के लिए नेट बैंकिंग, यूपीआई या एप्पल आईडी बैलेंस का इस्तेमाल करने की सलाह दी है। इसी तरह से पेमेंट स्वीकार करेगी।