सपा-बसपा का टूटा गठबंधन तो इन चुनौतियों से कैसे निपटेंगे अखिलेश-मायावती
बसपा से निलम्बन के बावजूद रामवीर उपाध्याय (Ramveer Upadhyay) ने मायावती (Mayawati) पर कोई आरोप नहीं लगाया, जैसा कि पूर्व में बसपा से निकाले गये कई नेताओं ने पार्टी प्रमुख पर लगाये थे। आरोप तो दूर वह प्रेसवार्ता में भी मायावती को बहनजी ही कहकर संबोधित करते नजर आये। बसपा से जब उन्हें निलम्बित किया गया तो उनके समर्थकों ने जरूर मायावती के खिलाफ नारेबाजी की, लेकिन रामवीर उपाध्याय कभी कुछ नहीं बोला। इतना ही नहीं, निलम्बन के बावजूद उनके ऑफिस में मायावती की तस्वीर लगी रही।बसपा ही नहीं परिवारवाद के मोह में फंसी हैं यूपी की सभी क्षेत्रीय पार्टियां
ramveer upadhyay y का राजनीतिक सफर– 1996 में बसपा के टिकट पर हाथरस जिले की सिकंदराराऊ विधानसभा सीट से विधायक चुने गए
– मार्च 1997 से सितंबर 1997 तक मायावती सरकार में वह परिवहन एवं ऊर्जा मंत्री रहे
– अक्टूबर 1997 में कल्याण सिंह की सरकार में एक महीने के लिए फिर परिवहन एवं ऊर्जा मंत्री बने
– 2002 के विधानसभा में एक बार फिर से सिकंदराराऊ से विधायक चुने गये
– मई 2002 से अगस्त 2003 तक मायावती सरकार में ऊर्जा एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री बने
– 2007 में तीसरी बार सिकंदराराऊ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते
– मई 2007 से मार्च 2012 तक बसपा सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे
– 2012 विधानसभा चुनाव में चौथी बार सिकंदराराऊ सीट से विधायक चुने गये
– 2017 के विधानसभा चुनाव में पांचवी बार बसपा के टिकट पर विधायक चुने गये
– 2019 में बहुजन समाज पार्टी से निलम्बन, अनुशासनहीनता के लगे आरोप