चंद्रशेखर आजाद ने मायावती को बताया मां, बोले- बच्चा कितना भी बड़ा हो जाए, वह मां-बाप से बड़ा नहीं होता
भदरी किले के बाहर भारी संख्या में तैनात पुलिस बलबता दें कि प्रयागराज-लखनऊ हाईवे पर कुंडा के शेखपुर आशिक गांव में मोहर्रम में बवाल की आशंका के चलते पुलिस फोर्स तैनात कर दी जाती है। यहां पर साल 2013 में विवाद हुआ था। अब ऐसा न हो इसलिए वहां पर पुलिस तैनात की जाती है। इसी को देखते हुए शनिवार को शेखपुर आशिक गांव के पास हनुमान मंदिर में केवल पुरोहित को ही पूजन करने की अनुमति दी गई है। वहां अन्य किसी प्रकार के आयोजन की मनाही है। गांव के आसपास पीएसी के 100 जवान, कुंडा, नवाबगंज, हथिगवां , बाघराय, मानिकपुर, संग्रामगढ़ थाने की पुलिस व कौशाम्बी के पुलिसकर्मियों को बुलाकर तैनात किया गया है।
बात 2012 की है, जब शेखपुर गांव में सड़क के किनारे एक बंदर की गोली लगने से मौत हो गई थी। बंदर की हत्या किसने की, इसका खुलासा नहीं हो पाया। इस घटना के बाद वहां पर ग्रामीणों ने हनुमान मंदिर का निर्माण कर दिया और बंदर की पुण्यतिथि मनाने लगे। इसका आयोजन राजा उदय प्रताप सिंह उर्फ बड़े राजा भैया करवाते थे। यह भंडारा मोहर्रम के दिन ही होता है।
वहीं, 2016 में शेखपुर में तनाव की स्थिति हो गई, क्योंकि जिला प्रशासन ने राजा उदय प्रताप सिंह को भंडारे करने की अनुमति नहीं दी थी। हनुमान मंदिर पर भंडारे को लेकर मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया, लेकिन कोर्ट ने जिला प्रशासन को अपने स्तर से मामले को संभालने के लिए कहा था। इसके बाद से भंडारा बंद हो गया, लेकिन मुहर्रम पर लगने वाली चांदनी यानी गेट और झंडे को लेकर विवाद जारी रहा। यह 2019 में सुलझा। अब शेखपुर में सड़क पर बने गेट को लेकर विवाद की स्थिति बनती है।