उन्होंने आगे कहा कि यह भी सच है कि केंद्र में इनकी सरकार ने ओबीसी आरक्षण संबंधी मण्डल कमीशन रिपोर्ट लागू नहीं की थी। साथ ही, बीएसपी के संघर्ष से एससी/एसटी के पदोन्नति में आरक्षण को प्रभावी बनाने के लिए संसद में लाए गए संविधान संशोधन बिल को भी कांग्रेस ने पास नहीं होने दिया, जो अभी तक लंबित है।
कांग्रेस आरक्षण विरोधी: Mayawati
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि ना ही इस मामले में इनकी सरकार ने कोर्ट में सही से पैरवी की थी। इस आरक्षण विरोधी कांग्रेस व अन्य पार्टियों से भी लोग सजग रहें। साथ ही, केंद्र में रही कांग्रेसी सरकार द्वारा जातीय जनगणना नहीं कराना और अब सत्ता से बाहर होने पर आवाज उठाना, यह सब ढोंग नहीं तो और क्या है?
हरियाणा चुनाव से पहले Mayawati ने राहुल गांधी को घेरा
बता दें कि
यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा था कि देश में अभी तक के हुए राजनीतिक घटनाक्रमों से यह साबित होता है कि खासकर कांग्रेस व अन्य जातिवादी पार्टियों को अपने बुरे दिनों में तो कुछ समय के लिए इनको दलितों को मुख्यमंत्री व संगठन आदि के प्रमुख स्थानों पर रखने की जरूर याद आती है। लेकिन ये पार्टियां, अपने अच्छे दिनों में, फिर इनको अधिकांशतः दरकिनार ही कर देती हैं तथा इनके स्थान पर, फिर उन पदों पर जातिवादी लोगों को ही रखा जाता है, जैसा कि अभी हरियाणा प्रदेश में भी देखने के लिए मिल रहा है।