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लखनऊ

कोरोनावायरस: यदि लग रह है डर, तो सोचे नहीं खुद को घर में करें क्वॉरेंटाइन, सरकार ने किया बड़ा ऐलान

लोगों को कोरोना से संक्रमित होने पर अस्पतालों में बनाए गए आईसोलेशन वॉर्ड में रखा जा रहा है।

लखनऊMar 17, 2020 / 07:26 pm

Abhishek Gupta

कोरोनावायरस: यदि लग रह है डर, तो सोचे नहीं खुद को करें क्वॉरेंटाइन, सरकार ने किया बड़ा ऐलान

कोरोनावायरस: यदि लग रह है डर, तो सोचे नहीं खुद को करें क्वॉरेंटाइन, सरकार ने किया बड़ा ऐलान

लखनऊ. लोगों को कोरोना से संक्रमित होने पर अस्पतालों में बनाए गए आईसोलेशन वार्ड में रखा जा रहा है। वहीं संदिग्ध होने पर उन्हें क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है। वह कैसे और क्यों? यह सवाल कई लोगों के जहन में। आइसोलेशन और क्वॉरेंटाइन को लेकर भी असमंजस की स्थिति है। हाल में क्वॉरेंटाइन एक ऐसा शब्द है जो स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी में लगातार शामिल किया जा रहा है। लेकिन यह है क्या? हमने लखनऊ के सिविल अस्पताल के सीएमएस आशुतोष दुबे से इसके लेकर बात की। उन्होंने बताया कि क्वॉरेंटाइन का मतलब घर, फार्महाउस, होटल रूम आदि जगहों पर ही संदिग्ध को आईसोलेट कर देना। वर्तमान में दुनिया भर में कोरोनावायरस ले लोग भयभीत हैं। ऐसे में अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड तो बने ही हैं, जहां मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव या लक्षण मिलने पर उसे रखा जा रहा है। वहीं यदि किसी शख्स को कोरोना का जरा सा भी डर है या उसे लग रहा है कि वह किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया है, तो ऐसी स्थिति में वह स्थानीय निवास, जैसे घर, फार्महाउस या किसी अन्य जगह के अंदर खुद को क्वॉरेंटाइन कर सकता है। इस दौरान संक्रमित व्यक्ति चलने-फिरने व दूसरे से संपर्क में आने से है। आईसोलेशन की तरह उसे भी 14 दिनों तक किसी से भी मिलने या संपर्क में आने से रोका जाता है। रिपोर्ट निगेटिव या पॉजिटिव आने पर आगे कदम उठाया जाता है। इसके लिए कोई सरकारी मानदंड नहीं है। बल्कि सरकार ने लोगों से आग्रह किया है कि यदि वह संक्रमित देश जैसे चीन, फ्रांस, इटली, कोरिया, स्पेन, ग्रीस, जर्मनी आदि से वापस भारत आए हैं, तो कम से कम 14 दिनों के लिए वह खुद को क्वॉरेंटाइन कर लें।
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री ने किया था क्वॉरेंटाइन-

उदाहरण के रूप में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने खुद को केरल के त्रिवेंद्रम में क्वॉरेंटाइन कर लिया था (यानी खुद को लोगों से बिल्कुल अलग कर लिया था), हालांकि, अब जांच के बाद उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। कोरोनावायरस संक्रमण के शक में उन्होंने खुद को क्वॉरेंटाइन किया था। बताया गया कि वी मुरलीधरन ने 14 मार्च को त्रिवेंद्रम में एक चिकित्सा संस्थान में बैठक में भाग लिया था। उस दौरान एक डॉक्टर भी थे, जो स्पेन से लौटे थे, जिन्हें 15 मार्च को COVID 19 संक्रमित पाया गया था। जहां इसके बाद से ही मुरलीधरन ने खुद को क्वॉरेंटाइन कर लिया था।
क्वारेंटाइन की बनाई जा रही व्यवस्था-

वैसे देश के कई अस्पतालों में विदेश से आने वालों के लिए क्वारेंटाइन वार्ड तैयार किए गए हैं। विदेश से आने वाले यात्रियों की इच्छा पर ही उन्हें इसमें यहां रखा जाएगा। यदि वे घर जाना चाहें, तो जा सकते हैं। घर पर उनके हाउस सर्विलांस की व्यवस्था पूर्व की तरह की जाएगी। इसी के साथ रक्षा मंत्रालय ने अस्पतालों में बेड की कमी को देखते हुए देश की सात जगहों जैसे सुरतगढ़, जैसलमेर, झांसी, जोधपुर, कोलकता और चेन्नई में क्वारेंटाइन की सुविधा तैयार की है, जिसमें 5000 बेड की व्यवस्था है। यह क्वारेंटाइन खासतौर पर विदेश से एयलिफ्ट कर भारत लाए जा रहे भारतीयों के लिए बनाए गए हैं। इस सप्ताह इरान से करीब 400 भारतीयों को जैसलमेर के क्वारेंटाइन में रखा जाएगा।
भारत सरकार की ओर से होम क्वॉरेंटाइन के लिए जारी की गई गाईडलाइन्स-

– घर में ठीक-ठाक वेंटिलेशन की व्यवस्था हो। कमरे से ही अटैच वॉशरूम होना अनिवार्य है। यदि कोई अन्य व्यक्ति भी उसी रूम में रहना चाहता है तो कम से कम एक मीटर की दूरी रखे।
– वह व्यक्ति बुजुर्गों, बच्चों व गर्भवती महिला के संपंर्क में न आए।

– घर में चहल-पहल पर लगाए रोक, किसी भी स्थिति में सामूहिक कार्यक्रमों से दूरी बनाएं।

– कुछ ही समय के अंतराल में पानी, साबुन व सेनाटाइजर से हाथ साफ करें।
– पानी के ग्लास, बर्तन, कपड़े, आदि को किसी से भी शेयर करने से बचे।

– इस्तेमाल किए हुए मास्क का इस्तेमाल न करें।

– अगर खासी, जुखाम या बुखार आए तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करें या 011-23978046 पर कॉल करें।

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