पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता ब्रजेंद्र कुमार सिंह ने अनुसार, महासचिव पार्टी संगठन को मजबूती देने में लगी हैं। एक ओर विधानसभा की एक दर्जन सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तैयारी के लिए दो-दो नेताओं को प्रभारी बना कर क्षेत्रों में भेज दिया गया है तो दूसरी ओर, जिलों में संगठन में बदलाव को लेकर बैठकें हो रही हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान किस कार्यकर्ता ने पार्टी के भीतर रह कर ही पार्टी से विश्वासघात किया, इस पर अनुशासन समिति लोकसभा चुनाव में भीतरघाती की शिकायतों पर अपनी जांच रिपोर्ट पर काम करने में जुटी है। खुद प्रियंका सारे कामों की निगरानी कर रही हैं।
ये भी पढ़ें: हार के बाद पहली बार अमेठी आएंगे राहुल, चाचा संजय गांधी की तर्ज पर करेंगे ये काम कार्यकर्ताओं में उत्साह प्रदेश प्रवक्तता अंशू अवस्थी ने भी प्रियंका के प्रभारी महासचिव बनाए जाने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि इससे संगठन को मजबूती देने के काम को गति मिलेगी। पश्चिमी यूपी के लोग इस बारे में शिकायत करते थे कि प्रियंका गांधी को वहां का प्रभारी न बना कर उन लोगों के साथ भेदभाव किया गया। अब प्रियंका को पूरे प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे कार्यकर्ताओं में उत्साह है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव (
Loksabha election) से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी और प्रियंका को पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था। लेकिन लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद
राहुल गांधी (
Rahul Gandhi) के अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी उनकी राह चल हार की जिम्मेदारी ली और अपना इस्तीफा पेश किया। इसके बाद से पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी का पद खाली था।