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लखनऊ

राष्ट्रपति ने रखी आधारशिला, 1.34 एकड़ में बनेगा आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र, अत्याधुनिक ऑडिटोरियम भी बनेगा

President Ramnath Kovind lays foundation for Ambedkar Memorial- राजधानी लखनऊ में भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर (Bhimaro Ambedkar) के नाम पर स्मारक बनाया जाएगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) ने मंगलवार को लोकभवन से भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर के स्मारक व सांस्कृतिक केंद्र का शिलान्यास किया।

लखनऊJun 29, 2021 / 04:48 pm

Karishma Lalwani

President Ramnath Kovind lays foundation for Ambedkar Memorial

President Ramnath Kovind lays foundation for Ambedkar Memorial

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

लखनऊ. President Ramnath Kovind lays foundation for Ambedkar Memorial. राजधानी लखनऊ में भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर (Bhimaro Ambedkar) के नाम पर स्मारक बनाया जाएगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) ने मंगलवार को लोकभवन से भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर के स्मारक व सांस्कृतिक केंद्र का शिलान्यास किया। इस केंद्र में बाबा साहेब की 25 फीट की मूर्ति स्थापित की जाएगी। इससे पहले उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्या, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की पत्नी सविता कोविंद और योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ मुख्य सचिव आरके तिवारी और यूपी के पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी मौजूद रहे।
45 करोड़ की लागत से बनेगा स्मारक

स्मारक को बनाने में लगभग 45 करोड़ की लागत आएगी। इस स्मारक में 750 लोगों की क्षमता का ऑडिटोरियम, लाइब्रेरी और म्यूजियम भी बनाया जाएगा। यह स्मारक 1.34 एकड़ में बनाया जाएगा। सांस्कृति केंद्र की दूसरी ओर बाबा साहब की पवित्र अस्थियों के कलश को भी दर्शन के लिए रखा जाएगा।
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस अवसर पर अपने संबोधन में भारत के संविधान के रचयिता डॉ. भीमराव आंबेडकर के जीवन और कार्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि लखनऊ से बाबा साहब का खास संबंध रहा है। वह लखनऊ में काफी समय बिताने के साथ ही यहां की संस्कृति को बहुत प्रिय बताते थे। राष्ट्रपति ने कहा कि बाबा साहब ने आज ही के दिन 93 वर्ष समता नामक साप्ताहिक पत्र निकालकर मूलक समाज की रचना की थी। वह अंग्रेजों के खिलाफ समता का जोरदार प्रयोग करते थे। 29 जून, 1928 को समता को बड़ा मंच बनाया था। उन्होंने ही संविधान की प्रस्तावना में समता का जिक्र किया था।
लखनऊ की चिकनकारी पर फिदा हुआ राष्ट्रपति का परिवार

लखनवी चिकनकारी की विरासत के प्रति लगाव का मोह देश के प्रथम नागरिक परिवार को भी भा गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की बेटी स्वाति कोविंद ने सपरिवार लखनऊ की सबसे खास मार्केट हजरंतगंज में शॉपिंग की। राष्ट्रपति के परिवार ने हजरतगंज में चिकन के वस्त्र खरीदे। राष्ट्रपति की बेटी स्वाति कोविंद ने गंज की मार्केट से करीब 25 आइटम खरीदे। इनमें राष्ट्रपति के लिए कुर्ता-पायजामा का सेट, मां के लिए साड़ियां और अपने लिए लॉन्ग और शॉर्ट कुर्तियों की रेंज पसंद की। महामहिम की पुत्री स्वाती कोविंद करीब तीन घंटे वह प्रतिष्ठान पर रहीं। उन्होंने चिकन के वस्त्रों की लंबी रेंज पसंद की। शोरूम के मालिक प्रभात गर्ग ने कहा कि परिवार सभी के साथ सादगी से मिला। उन्हें लखनऊ की चिकनकारी बेहद पसंद आई। राष्ट्रपति की बेटी ने कारोबार की जानकारी ली। चिकन के उद्भव से लेकर उसकी विकास यात्रा, कसीदाकारी के प्रकार और तरीकों के बारे में भी बारीकी से जाना और समझा।
लखनवी क्राफ्ट की ली जानकारी

कारोबारी प्रशांत गर्ग ने कहा कि लखनऊ आए राष्ट्रपति व उनके परिवार को लखनवी कारीगरी बेहद पसंद आई। उन्हें चिकन और इस लखनवी क्राफ्ट के बारे में बताया गया कि इसका श्रेय नूरजहां को जाता है, जिन्होंने सर्वप्रथम इसे कपड़े पर उतारा था। उन्होंने एग्जीबिशन के जरिए चिकनकारी की प्रक्रिया को बारीकी से समझा। इस दौरान वह स्टाफ के साथ संजीदगी से पेश आए। स्टाफ उनकी सादगी और सिंपल व्यवहार को देखकर कायल हो गया था। शो रूम के मालिक ने कहा कि परिवार के लोग द्वितीय तल पर भी गए और वहां एक बड़े शो केस में लगी प्रदर्शनी को देखा।

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