International Women’s Day 2022 पर स्टेडियम तो नहीं था पर चम्बल के उबड़ खबड़ रास्तों पर दौड़ते हुए गिरते पड़ते मनीषा ने पहले गांव और फिर जिले में अपना रोशन किया। उसके बाद जो जीतने को सिलसिला शुरू हुआ वह रुका नहीं। राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में ढेर सारे पदक जीतने के बाद अब मनीषा कुशवाह का सपना ओलंपिक में पदक जीत कर देश का नाम रोशन करना है। आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है।
लखनऊ•Mar 05, 2022 / 12:19 pm•
Sanjay Kumar Srivastava
मिसाल : चंबल के बीहड़ों की पगडंडियों को प्रैक्टिस ट्रेक बना किसान की बेटी बन गई राष्ट्रीय स्तर की एथलीट
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