ये हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के अनुसार 20 मार्च 2018 तक कुल 2,28,14,472 करोड़ रुपए के कुल 4,53,51,509 कर्ज आवंटित किए गए हैं। पीएम योजना के तहत कुल 2,20,596.05 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। प्रधानमंत्री की इस मुद्रा योजना को 8 अप्रैल 2015 को लागू किया गया था।
क्या है मुद्रा योजना
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना एक गैर-कार्पोरेट, गैर-कृषि लोगों को 10 लाख तक का कर्ज देने के लिए शुरू की गई थी। यह ऋण वाणिज्यिक बैंक, आरआरबी, लघु वित्त बैंक, सहकारी बैंक, एमएफआई और एनबीएफसी द्वारा दिया जाता हैं। उम्मीदवार इन सरकारी संस्थानों से अपना रोजगार शुरू करने के लिए लोन ले सकते हैं।
मुद्रा का पूरा नाम है
इस योजना का पूरा नाम माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनैन्स एजेंसी लिमिटेड है। यह मुद्रा योजना लोगों के लिए एक रीफाइनेंसिंग योजना है जिसमें लोगों को सरकार से सीधे लोन लेने की जरूरत नहीं होती है। इसमें पब्लिक सेक्टर के बैंक, NBFC (नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों), MFI (माइक्रो फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन्स) से कर्ज लिया जाता है।
कितनी है ब्याज दर
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की ब्याज दरें विनियमन मुक्त भी कर दी गई हैं और बैंकों को सूचना भी दे दी गई है कि वे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दिए गए व्यापक दिशा निर्देशों का पालन करें और लोगों की परेशानियों को देखते हुए उचित ब्याज दरें लगाएं।
ऐसे करें अप्लाई
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लोन लेने वाले इच्छुक उम्मीदवार मुद्रामित्र पोर्टल www.mudramitra.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा लोन देने वाली संस्थाओं से आप सीधे इस योजना के बारे में बात भी कर सकते हैं।
तीन श्रेणी में दिया जाता है लोन
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लोन को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है। इसके लिए तीन श्रेणी शिशु, किशोर और तरुण तय की गई हैं। जिसमें 50,000 रुपए तक के लोन शिशु को लिए, 50,000 से 5 लाख तक के लोन किशोर के लिए और 5 लाख से 10 लाख तक के लोन तरुण कैटेगरी वाले लोगों को देने के लिए तय किया गया है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के लिए जीवन बीमा की भी जरूरत नहीं पड़ती है।