वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि भारतीय डाक विभाग और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा क्षय रोग को जड़ से समाप्त करने की दिशा में संयुक्त पहल के तहत टी०बी० रोगियों के स्पुटम एवं अन्य सैम्पुल को डिजिगनेटेड माइक्रोस्कोपी सेंटर (डीएमसी) से पैकिंग कर डाक विभाग के माध्यम से जनपद के सम्बंधित सीबीनाट (कार्टेज बेस्ड न्यूक्लिकएसिड एम्प्लिफिकेशन टेस्ट) लैब,कल्चर एण्ड डीएसटी (ड्रग सेंसिटिविटी टेस्टिंग) लैब तक पहुँचाया जाता है। दूरदराज़ के सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से नमूनों को प्रयोगशाला तक 24 से 48 घंटे के भीतर डाकिये पहुँचाते हैं ताकि इनकी शुद्धता बनी रहे। पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि वाराणसी परिक्षेत्र में मई माह से अब तक 2458 नमूनों को एकत्र कर डाकिया टेस्टिंग लैब तक पहुँचा चुके हैं। वाराणसी मंडल के प्रवर अधीक्षक डाकघर सुमीत कुमार गाट ने बताया कि वाराणसी जनपद में 31 जगहों से डाकिया इन नमूनों को एकत्र करते हैं।