एनजीटी के नियम 2016 में ये साफ़ है कि सड़कों पार्कों आदि जगहों में खुले पर कोई कचरा नहीं डाला जाना चाहिए। ऐसा करने पर10 हज़ार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। ऐसे में अब इन आयोजनों के लिए यूज़र चार्ज देना अनिवार्य होगा। ऐसा न करने पर सेनेटरी इंस्पेक्टर द्वारा आयोजकों पर करवाई की जाएगी।
कितना है शुल्क भंडारे व लंगर से भी कूड़ा फैलाने पर नगर निगम यूजर चार्ज वसूलेगा। शरबत व पानी वितरण करने पर 100 रुपए प्रतिदिन, केवल प्रसाद में बूंदी वितरण पर 200 रुपए प्रतिदिन तथा भोजन बांटने पर 500 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से यूजर चार्ज देना पड़ेगा। मध्यम श्रेणी के लोगों से कूड़ा लेने पर 100 रुपए शुल्क वसूल किया जाएगा। रोड साइड फुटकर दुकान, फास्ट फूड आदि से 200 रुपए जबकि 4 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल होने पर 300 रुपए चार्ज देना होगा। ये निर्णय ऐसे आयोजनों के बाद होने वाली गन्दगी को साफ़ करने के मद्देनज़र लिया गया है।
कूड़ा फेंकने और जलाने पर 10 हजार रुपए जुर्माना
कूड़े को नाली, नालों या सार्वजनिक स्थानों पर फेंकते हुए पाए जाने पर जुर्माना देना पड़ सकता है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एनजीटी) के तहत ऐसा करने पर पर्यावरण मुआवजा वसूल किया जाएगा। जबकि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट नियम 2016 के अनुसार सार्वजनिक स्थान, सड़क, नाली, नाला, पार्क, खाली प्लाट आदि जगहों पर कूड़ा फेंकने, डालना एवं जलाना भी दंडनीय अपराध की श्रेणी में आएगा।
पर्यावरण अभियंता पंकज भूषण ने बताया कि यूजर लेने का प्रावधान रखा गया है। आयोजक अपने स्तर से भी सफाई की व्यवस्था कर सकते हैं। गन्दगी फैलाने पर उनका चालान किया जाएगा।