विश्व में भारत जैसे सबसे बड़े लोकतंत्र में मतदान को लेकर कम होते रुझान को देखते हुए सरकार और चुनाव आयोग बेहद गंभीर हैं। गरीब और कम पढ़े लिखे व्यक्ति को छोड़िए, समझदार और पढ़ा लिखा व्यक्ति भी वोट न डालने के बहाने बनाता है। चुनाव आयोग ने जनता में जागरुकता फैलाने के लिए राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाना शुरू कर दिया है। 25 जनवरी को पूरे देश में मतदान की अहमियत पर कार्यक्रम होते हैं। और इसका असर दिख रहा है। वोट का प्रतिशत बढ़ रहा है। और हमें उम्मीद रखनी चाहिए कि, यह जागरुकता कार्यक्रम आने वाले वक्त में वोट देने के प्रति जागरुक करेगा।
यह बात भी सही है कि जब भी चुनाव होते हैं, तो जनता असमंजस में रहती है कि वोट किसको दें। यह हमारे लिए किसका प्रतिनिधित्व सही है? किस का प्रतिनिधित्व देश-प्रदेश का विकास कर सकता है। तो जरूरी है कि अपने क्षेत्र के उम्मीदवार के बारे में जानें और उसके लिए चर्चा करें। तो कुछ हद तक उसकी हकीकत सामने आ जाएगी। और आपको फैसला लेने में आसानी होगी।
हर नागरिक को सत्ता चुनने का अधिकार मिला हुआ है तो वह उसका पूर्णता लाभ उठाएं। वोट देना हमारा हक है। गांव हो या शहर हर नागरिक को मतदान करना चाहिए नहीं तो प्रगति में रुकावट आती है। पर वोट आप तभी डाल सकते हैं जब मतदाता सूची में आपका नाम होगा। इसलिए अगर 18 वर्ष के हो गए हैं तो आप अपना नाम वोटर लिस्ट में दर्ज करवाएं। क्योंकि अगर अच्छी सरकार चाहिए, अच्छा प्रशासन चाहिए तो चुनाव में वोट देना जरूरी है। तभी सब खुश रह सकेंगे। (संकुश्री)