काफी पहले ही हो जाना चाहिए था यह काम – मुख्यमंत्री योगी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, मां के समान किसी के पास भी कोई छाया सहारा नहीं है। मां के प्रति यह भाव हर नागरिक में होना चाहिए। प्रदेश के सदन में नारी सम्मान का यह काम काफी पहले ही हो जाना चाहिए था। आज तो सदन में नारी शक्ति अद्भुत नजारा देखने का हमको भी मौका मिला है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, भारत में महिला-पुरुष दोनों को समान अधिकार है। हम सभी को पता है कि मातृ शक्ति से सब कुछ संभव है। देश की आजादी के बाद महिलाओं के हक में काम हुए। झांसी की रानी पर पूरा उत्तर प्रदेश गर्व करता है। सीएम योगी ने कहा कि, राज्य सरकार भी मातृशक्ति पर कई कार्यक्रम चला रही है।
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यूपी विधानसभा मानसून सत्र में महिला विधायकों के नाम होगा 22 सितंबर, जानें क्यों एक पूरा सत्र भी कम – अखिलेश यादव नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि, हमारे देश में महिलाएं अहम पदों पर रही हैं। आज उनके साथ अपराध हो रहे हैं। सरकार को इस पर नियंत्रण लगाने के लिए प्रयास करने की जरूरत है। महिलाओं ने आजादी की लड़ाई मजबूत की और हर क्षेत्र में योगदान दिया है। महिलाओं के लिए सिर्फ एक ही दिन काफी नहीं है बल्कि उनके मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक पूरा सत्र भी कम है।
150 महिलाओं को दिया गया न्यौता यूपी विधानमंडल के मानसून सत्र के चौथे दिन को खास बनाने के लिए 150 महिलाओं को विधान भवन में आमंत्रित किया गया । इन महिला विधायकों को सुनने के लिए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने केजीएमयू से महिला डाक्टर, एकेटीयू से महिला शिक्षक तथा प्रदेश के विधि विश्वविद्यालयों से कानून की पढ़ाई करने वाली महिलाओं को सदन में आमंत्रित किया है। इन सभी महिलाओं को विधानसभा मंडप की दर्शक दीर्घा में बैठाया गया है।
कुल महिला विधायक यूपी में विधानसभा की 403 सीटें हैं। विधानसभा चुनाव 2022 में सदन में कुल 47 महिलाएं पहुंची हैं। इनमें सबसे ज्यादा भाजपा की 29 समाजवादी पार्टी की 14 कांग्रेस की एक और अपना दल सोनेलाल की तीन महिला महिला विधायक हैं। वैसे तो यूपी विधानमंडल में इस बार कुल 53 महिला विधायक हैं। जिनमें विधानसभा की 47 और विधान परिषद की 6 महिला सदस्य हैं।
कभी भी मौका नहीं मिला यूपी विधानसभा इतिहास में अब तक विधानसभा में 28 नेता विरोधी दल बनाए जा चुके हैं। विधान परिषद में 20 नेता विरोधी दल बने। अब तक विधानसभा के 18 स्पीकर बनाए जा चुके हैं। और विधान परिषद में भी 13 सभापति हुए। पर आज तक किसी भी महिला ने इन सभी पदों की जिम्मेदारी निभाने का मौका नहीं मिला।