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प्रदेश में किसानों की 10 हजार हेक्टेयर से अधिक की फसल बर्बाद हो गई है। राहत विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि प्रदेश के हमीरपुर, ललितपुर, प्रयागराज, उन्नाव, वाराणसी, आगरा और बरेली में बारिश और ओलावृष्टि से फसलों के नुकसान की बात सामने आई है। उन्नाव में 21 मार्च को ओलावृष्टि हुई है, जिसका सर्वे चल रहा है। बाकी जिलों के सर्वे में किसानों की फसलों के 33 फीसदी से ज्यादा नुकसान की पुष्टि हुई है। प्रयागराज में सबसे अधिक 10 हजार से ज्यादा किसानों की करीब साढ़े चार हजार हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई है।
32 फिसदी नुकसान वालों का क्या होगा
ओलावृष्टि से मिर्जापुर, सोनभद्र और महोबा में भी नुकसान की बात सामने आई है। लेकिन, इन जिलों में नुकसान 33 फीसदी से कम आंका गया है। ऐसे में यहां के किसान सरकार के फॉर्मूले पर सवाल उठा रहे हैं कि यदि 32 फीसदी नुकसान हुआ है तो उनका क्या गुनाह। सरकार को नुकसान के अनुपात में मुआवजा तय करना चाहिए। हालांकि, रिपोर्ट बुधवार सुबह तक की है। प्रदेश में सर्वे जारी है। आगे भी फसल बर्बादी पर मुआवजा मिलता रहेगा।
इस तरह मिलेगा मुआवजा
एक अधिकारी ने बताया कि अधिकाधिक किसानों के फायदे के लिए जिला, तहसील, ब्लॉक या गांव को क्षति आकलन का मानक बनाने की जगह व्यक्ति को इकाई के रूप में लिया गया है। यदि एक भी व्यक्ति को आपदा से नुकसान हुआ है तो उसे तय मुआवजा मिलेगा, लेकिन उसका नुकसान 33%से ज्यादा होना चाहिए।सरकार आपदा की जिले से रिपोर्ट लेकर मुआवजे की अनुमानित राशि जारी कर देती है।