Om Prakash Rajbhar याचिका समिति ने की है सिफारिश
अरुण ने बताया कि है भर, राजभर जाति यूपी में पिछड़ा व विमुक्त जाति में तथा महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति में सूचीबद्ध है। विमुक्त जाति की क्रम संख्या 01 से 19 में से क्रम संख्या 17 पर अंकित भर जाति को छोड़कर सभी जातियों को या तो अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति में सूचीबद्ध किए जाने के लिए अष्टम विधानसभा की याचिका समिति द्वारा सिफारिश की गयी है। आज तक उस सिफारिश के क्रम में यूपी से इस जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का प्रस्ताव भारत सरकार को नहीं भेजा गया है।माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश दिनांक 14.07.2023 (याचिका संख्या-4706/2022) में भर/राजभर जाति को अनुसूचित जनजाति में सूचीबद्ध किए जाने के लिए दो माह के अन्दर प्रस्ताव भारत सरकार को भेजे जाने का पुनः आदेश दिया गया है।
इस मुद्दे पर हुई चर्चा
अरुण ने बताया है कि भर/राजभर जाति की सामाजिक, आर्थिक व शैक्षिक स्थिति को देखते हुए अष्टम विधानसभा की याचिका समिति द्वारा की गयी सिफारिश तथा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश के आलोक में भर/राजभर जाति को तत्काल अनुसूचित जनजाति में सूचीबद्ध किए जाने के लिए प्रस्ताव यथा शीघ्र भारत सरकार को भेजने के मुद्दे पर इस मुलाकात के दौरान चर्चा हुई।‘वंचितों के सशक्तिकरण का प्रयास करती रही है सुभासपा’