सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि राजभर से नाराज सुभासपा के तीनों विधायक भाजपा में शामिल हो सकते हैं। यूपी सरकार से हटाए जाने के बाद औम प्रकाश राजभर ने भी कहा था कि जो जहां जाना चाहता है, जा सकता है। किसी को रोका नहीं जाएगा। हालांकि, विधायकों के भाजपा में शामिल होने को उन्होंने अफवाह बताकर इस बात पर पूर्णविराम लगा दिया है कि सुभासपा से कोई फिलहाल भाजपा का दामन थामेगा।
भाजपा की गुलामी पसंद नहीं कुशीनगर से रामकोला विधायक रामानंद बौद्ध ने राजभर की तारीफ कर कहा है कि वे दलितों, पिछड़ों और गरीबों के हक के लिए लड़ते हैं। उनके नेतृत्व में काम करने का सौभाग्य मिला है। उन्होंने कहा कि बीजेपी उनसे गुलामी कराना चाहती है और वे किसी की गुलामी पसंद नहीं करते। सभी सुभासपा के साथ खड़े हैं।
8 सीटों पर लड़ा था चुनाव 2002 में ओमप्रकाश राजभर ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की स्थापना की थी। कभी बहुजन समाज पार्टी से अपने राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत करने वाले राजभर की पार्टी एकाएक 2017 में चर्चा में आयी। इस चुनाव में सुभासपा ने भारतीय जनता पार्टी के साथ समझौता करके कुल 8 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में पहली बार ओमप्रकाश राजभर जीते। उनकी पार्टी के तीन और विधायक चुने गए। इनमें ओमप्रकाश गाजीपुर की जहूराबाद सीट, त्रिवेणी राम जखनिया सीट, कैलाशनाथ सोनकर वाराणसी की अजगरा और रामानंद बौद्ध कुशीनगर की रामकोला सीट से विधायक चुने गए थे। राजभर को छोडकऱ बाकी तीनों विधायक अनुसूचित जाति सीट से लड़े और जीते।