दरअसल, उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम-1973 की धारा 12(क) के तहत शहर के मुख्य मार्गों से सटे भवनों के बाहरी हिस्से के अनुरक्षण व मरम्मत के लिए राज्य सरकार ने पहली बार मॉडल उपविधि (बाइलाज) विकास प्राधिकरण (मुख्य मार्गों से सटे कतिपय भवनों के अग्रभाग की अनुरक्षण एवं मरम्मत) उपविधि-2021 तैयार की है। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा तैयार उपविधि को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हरी झंडी मिलने के बाद संबंधित आदेश जारी कर दिया गया है। विकास प्राधिकरणों को बोर्ड के माध्यम से अपने-अपने शहर में उपविधि को लागू करना है। प्राधिकारण द्वारा उपविधि लागू करने पर भवन स्वामियों को छह माह की मोहलत दी गई है। शहर के मुख्य मार्गों के गैर आवासीय या आंशिक रूप से आवासीय-गैर आवासीय भवनों में एक तरह के रंग में रंगाने के लिए भवन के बाहरी हिस्से की मरम्मत, तय रंग से रंगाई करानी ही होगी।
नेमप्लेट और साइन बोर्ड भी एक जैसे बाहरी दीवार के रंग बदलने के साथ ही नेमप्लेट और साइन बोर्ड भी एक जैसा होगा। नेमप्लेट, साइन बोर्ड का आकार, रंग और लिखावट प्राधिकरण ही तय करेगा। बोर्ड की चौड़ाई प्राधिकारण तय करेगा लेकिन लंबाई भवन या दुकान के आकार के अनुसार होगी।
भवन स्वामियों को खुद उठाना होगा खर्च भवन स्वामियों को अपने भवन के बाहरी हिस्से की रंगाई का खर्च खुद उठाना होगा। अगर किसी भवन स्वामी ने तय रंग से दी गई अवधि में भवन की रंगाई नहीं कराई तो विकास प्राधिकरण उसे कराएगा जिस पर आने वाली वास्तविक लागत भवन स्वामियों को प्राधिकरण में जमा करना होगा। भवन स्वामियों द्वारा लागत का पूरा भुगतान न करने पर प्राधिकरण को भू-राजस्व की तरह बकाए की वसूली करने का अधिकार होगा।
इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती के कार्यकाल में लखनऊ के हजरतगंज की दीवारों का रंग बदला गया था। शहर की भव्यता और एकरूपता को संवारने के लिए मायावती का शासनकाल में हजरतगंज की सभी दुकानों का रंग बदलकर एक समान क्रीम कलर में किया गया था। साइन बोर्ड के कलर और लिखावट भी एक जैसे किए गए थे।