गौरतलब है कि 6 साल पहले राज्य के करीब 60 लाख विद्युत उपभोक्ताओं ने सिक्योरिटी मनी जमा की थी, जो बिलिंग सिस्टम में जीरो दिख रही है। इसके चलते उपभोक्ताओं को सिक्योरिटी राशि व नियम अनुसार मिलने वाला ब्याज का फायदा नहीं मिल पा रहा है। इसका खुलासा उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग में प्रार्थना पत्र देकर किया था। साथ ही उत्तर प्रदेश विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने उपभोक्ताओं की जमा सिक्योरिटी ब्याज नहीं दिए जाने का मामला भी प्रमुखता से के साथ उठाया था।
इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि विद्युत अधिनियम 2003 विद्युत वितरण संहिता का ये उल्लंघन है। उन्होंने बिजली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। इस को आधार मानते हुए नियामक आयोग ने कंपनियों से जवाब तलब किया था। बिजली कंपनियों ने जवाब देते हुए अपनी गलती मान ली है। कंपनियों ने आयोग की आश्वासन दिया है कि जल्दी बिलिंग सॉफ्टवेयर को अपडेट कर के उपभोक्ताओं कौन सी सिक्योरिटी ब्याज देने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। बता दें कि विद्युत अधिनियम-2003 के तहत सभी उपभोक्ताओं को उनकी जमा सिक्योरिटी पर 1 अप्रैल को बैंक दर पर हर साल बाद मिलने का प्रावधान है।